MAHADEV APP ED ACTION : महादेव सट्टा ऐप पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई: 576.29 करोड़ की संपत्ति फ्रीज, दिल्ली के नेताओं से जुड़ रहे तार

MAHADEV APP ED ACTION : Biggest action ever taken on Mahadev Satta App: Assets worth Rs 576.29 crore frozen, links to Delhi politicians being established
रायपुर। MAHADEV APP ED ACTION छत्तीसगढ़ से जुड़े बहुचर्चित महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप (Mahadev Online Betting App) मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। रायपुर ईडी की अगुवाई में देश के सात बड़े शहरों दिल्ली, मुंबई, इंदौर, अहमदाबाद, चंडीगढ़, चेन्नई और ओडिशा के संबलपुर में एक साथ छापेमारी की गई, जहां से कुल 576.29 करोड़ रुपए की संपत्ति फ्रीज की गई है। इस कार्रवाई में 3.29 करोड़ रुपए नकद और बड़ी संख्या में सिक्योरिटीज, बॉन्ड और डीमैट खातों के दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
MAHADEV APP ED ACTION ईडी की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जांच एजेंसी के मुताबिक, इस पूरे सट्टा नेटवर्क के तार दिल्ली के कुछ नेताओं से जुड़ रहे हैं। हवाला के जरिए छत्तीसगढ़ से दिल्ली तक भारी मात्रा में काली कमाई भेजी गई। साथ ही, मनी लॉन्ड्रिंग का यह पैसा मॉरीशस और दुबई के फर्जी एफपीआई (Foreign Portfolio Investors) के जरिए भारत के शेयर बाजार में निवेश किया गया। इसका उपयोग स्मॉल और मिडकैप कंपनियों के शेयरों में कृत्रिम उतार-चढ़ाव पैदा करने में किया गया, जिससे आम निवेशकों को करोड़ों का नुकसान हुआ।
ईडी सूत्रों के अनुसार, यह अब तक मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में की गई सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। एजेंसी ने दिल्ली के जिन राजनीतिक चेहरों के नाम सामने आए हैं, उनके खिलाफ भी गहन जांच शुरू कर दी है।
अब तक 3002.47 करोड़ की संपत्ति अटैच
प्रवर्तन निदेशालय ने बताया कि महादेव सट्टा सिंडिकेट से जुड़े 170 से ज्यादा परिसरों पर छापे मारे जा चुके हैं, और अब तक 3002.47 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति अटैच की जा चुकी है। इस नेटवर्क से जुड़े 13 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है, जबकि 74 संस्थाओं को अभियोजन शिकायत में आरोपी बनाया गया है।
MAHADEV APP ED ACTION ईडी को तलाशी के दौरान बड़ी मात्रा में अपराध की आय (POC) के साक्ष्य मिले हैं। जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि सिंडिकेट नए यूज़र्स को जोड़ने और उनके लिए आईडी जेनरेट करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार करता था, जो सट्टा वेबसाइटों के जरिए अवैध तरीके से संचालित हो रहा था।