संसद में गूंजेगा Pegasus हैकिंग विवाद, कई सदस्यों ने दिया नोटिस, राहुल ने सरकार को घेरा

नई दिल्ली : संसद के मॉनसून सत्र में इस बार सरकार और विपक्ष के बीच तीखी जंग होने के आसार हैं. सत्र की शुरुआत से पहले ही एक ऐसा मुद्दा सामने आया है, जिसने हर किसी को हिला दिया है. अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा दावा किया गया है कि Pegasus सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से भारत (India) में कई पत्रकारों, नेताओं और अन्य लोगों के फोन हैक किए गए थे. इस खुलासे को लेकर अब सोमवार को संसद में हंगामा होने के आसार हैं. विपक्षी पार्टियों द्वारा लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों में इस विषय पर चर्चा की मांग की गई है और स्थगन प्रस्ताव दिया गया है. राज्यसभा में सीपीआई नेता बिनॉय विश्वम, राजद सांसद मनोज झा, AAP सांसद संजय सिंह समेत अन्य कई सांसदों द्वारा इस विषय पर चर्चा की मांग की गई है.
इन नेताओं के अलावा कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर सरकार पर तंज कसा है. राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा कि हमें पता है ‘वो’ क्या पढ़ रहे हैं, जो भी आपके फोन में है. विपक्ष के तीखे तेवरों से साफ है कि इस मसले पर सरकार को संसद में सवालों का सामना करना पड़ सकता है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, बीते दिन दुनिया के अलग-अलग देशों की कई मीडिया एजेंसियों द्वारा एक रिपोर्ट जारी की गई है. जिसमें दावा किया गया है कि इजरायली स्पाइवेयर Pegasus की मदद से कई देशों की सरकारें अपने यहां चिन्हित लोगों के फोन हैक कर उनकी जानकारियां हासिल कर रही थीं.
इसमें भारत का भी नाम है, यहां के कई पत्रकार, विपक्षी नेता, मंत्री और अन्य के फोन हैक किए जाने का दावा किया गया है. इसी खुलासे के बाद से बीते दिन से ही विपक्ष द्वारा सरकार पर निशाना साधा जा रहा है.
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत के करीब 300 फोन नंबर को इस दौरान हैक किया गया था. अधिकतर नंबर को 2018 और 2019 के बीच हैक किया गया था. मीडिया कंपनियों द्वारा इस मसले पर पूरी सीरीज़ निकाली जाएगी, इसकी पहली कड़ी में पत्रकारों के नाम सामने लाए गए हैं.
सरकार की ओर से क्या जवाब दिया गया?
कंपनियों के खुलासे, विपक्ष के आरोपों के बीच सरकार ने इन सभी मसलों को गलत करार दिया है. सरकार की ओर से किसी भी तरह की हैकिंग में शामिल होने से इनकार किया गया है, साथ ही इसे भारत जैसे मजबूत लोकतंत्र की छवि बिगाड़ने की कोशिश बताया गया है.
भारत सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि भारत एक मजबूत लोकतंत्र है जो अपने सभी नागरिकों को मौलिक अधिकार के रूप में निजता के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
Government of India’s response to inquiries on the ‘Pegasus Project’ media report pic.twitter.com/zw5lrlS6xO
— ANI (@ANI) July 18, 2021
जासूसी के आरोपों पर कंपनी ने क्या कहा?
जिस Pegasus स्पाइवेयर से हैकिंग का दावा किया गया, उसे इजरायली कंपनी NSO ग्रुप बनाता है. बीते दिन हुए खुलासे पर एनएसओ ग्रुप द्वारा जवाब दिया गया है और पूरी कहानी को गलत करार दिया गया है.
NSO कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि जो रिपोर्ट साझा की गई है, वह पूरी तरह गलत है. ऐसा लगता है किसी अनजान सोर्स ने गलत जानकारी दी है, जिसके आधार पर इसे तैयार किया गया है. NSO ग्रुप द्वारा ये रिपोर्ट छापने वाली मीडिया कंपनियों पर मानहानि का केस करने की तैयारी है.