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KHABAR CHALISA SPECIAL तिरछी नजर : नए डीजीपी की नियुक्ति दिलचस्प मोड़ पर..

KHABAR CHALISA SPECIAL तिरछी नजर : छत्तीसगढ़ में नए डीजीपी की नियुक्ति अभी एक माह बाकी है । प्रदेश में जिस तरह से नक्सलवाद खत्म करने का अभियान जोर शोर से चल रहा है , वह सही दिशा में चलते रहे इसके लिए वर्तमान डीजीपी अशोक जुनेजा को केन्द्रीय सुरक्षा बलों के अलावा आईबी और रॉ के अफसर बेहतर मान रहे हैं। पिछली बार एक्सटेंशन दिलाने वाले गृह विभाग के सचिव अजय भल्ला रिटायर हो गये हैं, लेकिन उनकी जगह लेने वाले गोविंद मोहन,अशोक जुनेजा के बैचमेट हैं। इससे परे भाजपा संगठन स्वच्छ छवि के अरुणदेव गौतम के लिए प्रयासरत है। बिहार की लाबी पवन देव और कुछ भाजपा नेता तो जीपी सिंह का नाम सुझा रहे है। एक खबर यह है कि डीजीपी के एक दावेदार के लिए काशी और उज्जैन में विशेष पूजा भी चल रही है। केंद्र सरकार के रूख पर नजरें टिकीं हुई है।

सुबोध सिंह की पोस्टिंग के मायने

मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह के बनाए जाने के बाद प्रदेश के प्रशासनिक गतिविधियों में कसावट आने की उम्मीद की जा रही है। सरल स्वभाव के सुबोध सिंह को छत्तीसगढ़ की राजनीति और प्रशासन की तासीर मालूम है। प्रशासनिक व्यवस्था बदलने के संकेत आगामी दिनों मिलने लगेंगे। मुख्यमंत्री सचिवालय में सुबोध सिंह के पदभार ग्रहण करने के बाद प्रशासनिक व्यवस्था में मामूली फेरबदल होने की संभावनाएं व्यक्त की जा रही है। दिल्ली से लौटे अमित कटारिया को अभी तक नई जिम्मेदारी नहीं दी गयी है। कुछ और अफसरों के प्रभार बदल सकते हैं।

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कौन होगा सीएस

भाजपा शासित ज्यादातर राज्यों में दिल्ली में पदस्थ अफसरों को मुख्य सचिव भेजा गया है। इसलिए केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति में लंबे समय से पदस्थ अमित अग्रवाल का नाम प्रमुखता से उभरकर आ रहा है।
ऐसी चर्चा है कि अमित अग्रवाल को केन्द्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव छोड़ना नहीं चाहते। ऐसे में चीफ सेकेट्री के लिए तेज तर्रार सक्रिय अफसर की तलाश की जा रही है। सीनियर आईएएस अफसर रेणु पिल्ले, सुब्रत साहू , ऋचा शर्मा, मनोज पिंगुआ सहित कई नामों पर चर्चा है। मुख्य सचिव अमिताभ जैन को सम्मानजनक पद दिए जाने की प्रबल संभावना है।

पुलिस भर्ती में बड़ा भ्रष्टाचार

राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के कई जिलों की पुलिस व्यवस्था में गड़बड़ी की शिकायत राजधानी तक पहुंचने लगी है। राजनांदगांव में पुलिस भर्ती के दौरान भ्रष्टाचार सुर्खियों में है। एक सिपाही के आत्महत्या करने का मामला तुल पकड़ा हुआ है। तीन जिलों के आईपीएस अफसर भी लपेटे आ सकते हैं। जिसकी शिकायत जनप्रतिनिधियों ने की है। खैरागढ़ के एसपी के व्यवहार से मातहत भी परेशान है। इस क्षेत्र में पुलिसिंग की शिकायत पर सरकार भी चिंतित है।

कलेक्टर ने ड्राईवर को पीटा..

राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के एक छोटे जिले के कलेक्टर ने गत दिनों अपने ही ड्राईवर की जमकर पिटाई कर दी। बताते हैं कि ड्राईवर सरकारी गाड़ी से कलेक्टर परिवार के सदस्य को लेकर गया था। रास्ते में कलेक्टर की सरकारी गाड़ी ने एक व्यक्ति को ठोकर मार दिया। गाड़ी मामूली खरोंच आ गयी। इस घटनाक्रम से कलेक्टर साब, ड्राईवर पर जमकर बरसे और एक-दो हाथ जड़ दिया। बाद में नाराज ड्राईवर को मनाकर मामला किसी तरह रफा-दफा किया गया। इस अफसर का व्यवहार क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और मातहतों से भी अच्छी नहीं है।

अपनों से घिरे मंत्री..

सत्तारूढ़ दल के विधायकों ने जिस तरह मंत्रियों के विभागों के मामले विधानसभा में जोरदार तरीके से उठाकर कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की है उससे संगठन नाराज है। इन विधायकों की गतिविधियों को सरकार व संगठन में पहले ही भांप लिया था। ड्रेमेज कंट्रोल करने की कोशिश की गयी लेकिन संसदीय लोकतंत्र की खुबसूरती का हवाला देकर बच निकले। विधानसभा अध्यक्ष डॉ.रमन सिंह ने बोलने का मौका देकर विरोधियों का दिल जीत लिया।

सुनील सोनी को बदले तेवर

रायपुर दक्षिण से बड़ी जीत के बाद सुनील सोनी के पांव जमीन पर नहीं टिक रहे हैं। पिछले दिनों दिल्ली गए, तो अपने मित्र सांसदों से अपने जनाधार का बखान करते हुए कह दिया कि उन्हें बृजमोहन अग्रवाल से ज्यादा समर्थन मिला है। बाद में उन्हें बृजमोहन की फटकार सहनी पड़ी। सुनील सोनी से जुड़े लोग मानते हैं कि मेयर रहते उनके कार्यों को देखकर जनता ने उन्हें समर्थन दिया है। सुनील सोनी की जीत को लेकर एक पूर्व मंत्री ने दर्जन भर नेताओं के सामने कह दिया कि दक्षिण विधानसभा में सिर्फ नोट चला है। चाहे कुछ भी हो, सुनील सोनी ने बड़ी बड़ी बात कहकर पार्टी नेताओं को नाराज कर दिया है।

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