KANKER VIOLENCE : Uproar over burial dispute, flag march in villages, area turned into cantonment
रायपुर/कांकेर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के आमाबेड़ा और बड़ेतेवड़ा इलाकों में शव दफनाने को लेकर भड़की हिंसा के बाद प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। गांवों की गलियों में हथियारबंद जवानों की तैनाती है और पुलिस ने शुक्रवार को फ्लैग मार्च निकालकर साफ संदेश दिया कि कानून-व्यवस्था से कोई समझौता नहीं होगा। हिंसा के बाद से क्षेत्र में तनाव बना हुआ है, हालांकि प्रशासन का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है। बस्तर रेंज के आईजी समेत वरिष्ठ अधिकारी मौके पर कैंप कर हालात पर नजर रखे हुए हैं।
धर्मांतरण और दफन से शुरू हुआ विवाद
मामला बड़ेतेवड़ा ग्राम पंचायत से जुड़ा है। सरपंच रजमन सलाम के पिता चमरा राम सलाम का 14 दिसंबर को इलाज के दौरान निधन हुआ। 15 दिसंबर को परिजनों ने शव को अपने खेत में दफना दिया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि धर्मांतरित व्यक्ति का शव गांव में दफनाया गया, जबकि इसे गांव से बाहर दफनाया जाना चाहिए था। सरपंच का कहना रहा कि अंतिम संस्कार में ईसाई रीति-रिवाज नहीं अपनाए गए।
कब्र पक्की हुई तो भड़का आक्रोश
16 दिसंबर को कब्र को पक्का किए जाने के बाद ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ गया। बड़ी संख्या में लोग मौके पर जुटे और तनाव बढ़ा। पुलिस ने बल तैनात किया, लेकिन भीड़ ने कब्र में तोड़फोड़ शुरू कर दी, जिससे दोनों पक्षों में झड़पें हो गईं।
17 दिसंबर को हिंसा, 25 घायल
17 दिसंबर को हालात और बिगड़े। बाहरी लोगों की आवाजाही बढ़ने के साथ कहासुनी लाठी-डंडों और पथराव में बदल गई। इस हिंसा में करीब 25 लोग घायल हुए, जिनमें पुलिसकर्मी और ग्रामीण शामिल हैं। घायलों को आमाबेड़ा अस्पताल ले जाया गया, जहां से 9 को कांकेर रेफर किया गया और दो की हालत गंभीर बताई गई।
शव निकाले जाने के बाद भड़की भीड़
18 दिसंबर को प्रशासन ने बड़ा फैसला लेते हुए बड़ेतेवड़ा की कब्र खुदवाकर शव को बाहर निकालकर कब्जे में लिया और एंबुलेंस से इलाके से बाहर भेजा। इसके बाद भीड़ भड़क उठी। सबसे पहले सरपंच के घर में बने प्रार्थना भवन में आग लगा दी गई। पुलिस पर पथराव हुआ, जिसमें अंतागढ़ के एएसपी आशीष बंछोर समेत दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए।
चर्च और प्रार्थना भवन जलाए गए
भीड़ इसके बाद आमाबेड़ा पहुंची, जहां एक चर्च और एक अन्य प्रार्थना भवन में तोड़फोड़ कर आग लगा दी गई। हालात देखते हुए अतिरिक्त बल बुलाया गया, नाकेबंदी की गई और बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई गई, हालांकि कुछ लोग जंगल के रास्तों से गांव तक पहुंचते रहे।
कड़ा पहरा, लगातार निगरानी
हिंसा के बाद गांवों में फ्लैग मार्च जारी है। हथियारबंद जवान गश्त कर रहे हैं और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। कार्रवाई की आशंका से कुछ लोग गांव छोड़कर भी गए हैं। कलेक्टर कांकेर नीलेश महादेव क्षीरसागर ने बताया कि फोर्स और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर तैनात हैं और फिलहाल हालात काबू में हैं।
