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लग रहा था कि अब नहीं बच पायेंगे,मणिपुर हिंसा में फंसे छात्रों ने बताया

मध्यप्रदेश सरकार ने छात्रों को एयरलिफ्ट कर सकुशल लाया

इंदौर। मणिपुर हिंसा में फंसे प्रदेश के 23 छात्रों को एयरलिफ्ट कर सकुशल इंदौर लाया गया। यहां से सभी को अपने-अपने जिलों में बसों और अन्य साधन से भेजा गया। छात्रों के चेहरों पर हिंसा का डर और घर सकुशल पहुंचने की खुशी भी झलक रही थी। छात्रों ने बताया कि एक एक मिनट भारी पड़ रहा था लग रहा था कि अब नहीं बच पायेंगे।हिंसा के बीच गुजारे समय की आपबीती बताते हुए छात्रों का कहना था कि हास्टल के बाहर ही गोलाबारी और बम धमाके हो रहे थे। आंदोलनकारी आगजनी भी कर रहे थे। इसको देखकर हास्टल के कमरों में सहमे हुए बैठे थे, ऐसा लग रहा था कि अब नहीं बच पाएंगे। हास्टल की मेस में राशन खत्म हो रहा था, आखरी के दिनों में तो दाल-चावल ही पकाकर खाए। हिंसा के चार दिन बाद भोजन और पानी की दिक्कत होने लगी थी। मणिपुर हिंसा में फंसे बच्चे बुधवार रात्रि 8 बजे विमान से इंदौर पहुंचे।

प्रदेश के 24 छात्रों को इम्फाल से कोलकाता एयरलिफ्ट कर लाया गया। इसके बाद बुधवार को छात्र इंडिगो की उड़ान से इंदौर पहुंचे। बैतूल के सचिन आर्य नागपुर गए, जबकि बैतूल के ही अलोक राय इंदौर आए। इसमें तीन छात्र इंदौर के थे। खंडवा के 4, ग्वालियर के 2, शिवपुरी,भिंड, मुरैना, नीमच, भोपाल, पन्ना, खरगोन, धार, सागर, जबलपुर, सिंगरौली, छिंदवाड़ा और सतना का एक-एक छात्र थे।

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