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IPS WAR : दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के बीच बवाल, CM बोले नहीं करना था सार्वजनिक

IPS WAR: Ruckus between two senior IPS officers, CM said that it was not to be made public

डेस्क। बिहार में दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के बीच बवाल मचा हुआ है। बीते दिनो आईजी विकास वैभव द्वारा एक ट्वीट किया गया था। इस ट्वीट को किए जाने के अगले कुछ ही देर में इसे डिलीट भी कर दिया गया था। इसके बाद से सोशल मीडिया पर विकास वैभव के ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर किया जा रहा है। इस ट्वीट के बाद अब बिहार में सार्वजनिक हो गया है कि दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के बीच विवाद चल रहा है। इसे लेकर अब बिहार की राजनीति भी गर्म हो चुकी है। इस मामले पर होमगार्ड के महानिदेशक शोभा अहोतकर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अप्रत्यक्ष समर्थन मिल गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीथ में विकास वैभव को गलत करारा देते हुए उनके ट्वीट पर नाराजगी जाहिर की है।

ट्वीट करना सही नहीं…

नीतीश कुमार अपनी समाधान यात्रा के लिए शुक्रवार के दिन पुर्णिया पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने दोनों वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के विवाद को लेकर कहा कि अभी हमारे लिए कुछ नहीं बोलना उचित है। हम सबको सलाह देते हैं कि कोई कुछ बोलता है तो पूरी जांच करा लीजिए। देख लीजिए क्या मामला है। उन्होंने इस दौरान कहा कि आप एक बात अच्छी तरह से जान लीजिए कि कोई भी नौकरी करता है, ऑफिसर है, उनका ट्वीट करना सही नहीं है।

नीतीश बोले- नहीं करना था सार्वजनिक

उन्होंने आगे कहा कि ये सब गंदी चीज है। अगर उन्हें कोई समस्या है तो अपने डिपार्टमेंट को या सीनियर जगह पर आकर बतानी चहिए। यही नहीं, निजी तौर पर बतानी चाहिए। उनको कोई भी चीज को सार्वजनिक रूप से नहीं घोषित करना चाहिए। ये है कानून। पत्रकारों से बातचीत में नीतीश कुमार ने कहा कि आप अच्छी तरह से जान लीजिए कि आपके ऊपर कोई समस्या है तो सही जगह पर जाकर अपनी परेशानी बताइए। वैसे इनस मामले में भी अधिकारियों को देखने के लिए कहा गया है।

विकास वैभव को कहे अपशब्द

गौरतलब है कि दो दिन पहले पूर्व होमगार्ड और अग्निशमन विभाग में आईजी के पद पर तैनात विकास वैभव ने अपनी डीजी शोभा अहोतकर पर आरोप लगाया था कि उन्होंने फोन पर उन्हें गाली दी और बिहारी होने को लेकर भी अपशब्द कहा। विकास वैभव द्वारा इस बाबत किए गए ट्वीट को कुछ ही देर बाद डिलीट कर दिया गया था। लेकिन तब तक यह मामला तूल पकड़ चुका था। अपने डीजी के व्यवहार से दुखी विकास वैभव ने 60 दिनों की छुट्टी के लिए आवेदन किया था, जिसे डीजी शोभा अहोतकर ने रद्द कर उनसे स्पष्टीकरण की मांग की थी।

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