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INDIA LOST MELBOURNE TEST : मेलबर्न टेस्ट में भारत की हार के 5 प्रमुख कारण

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INDIA LOST MELBOURNE TEST: 5 main reasons for India’s defeat in Melbourne Test

नई दिल्ली। मेलबर्न टेस्ट को ऑस्ट्रेलिया ने 184 रनों से जीत लिया है. भारत के सामने 340 रनों का बड़ा लक्ष्य था और अक्सर चौथी पारी में ऐसे लक्ष्य को हासिल कर पाना आसान नहीं होता. टीम इंडिया के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है और उसकी हार का एक बड़ा कारण यह भी है कि भारतीय टीम ने जीत की कोशिश ही नहीं की. पांचवें दिन भारतीय बल्लेबाज शुरुआत से ही ड्रॉ के लिए खेलते नजर आए. यह भी बता दें कि मेलबर्न में भारत को 13 साल बाद हार झेलनी पड़ी है. खैर अब ऑस्ट्रेलिया सीरीज में 2-1 से आगे हो गया है. यहां आप जान पाएंगे उन 5 बड़े कारणों के बारे में, जिनसे भारत को मेलबर्न टेस्ट में करारी हार झेलनी पड़ी है.

1. रोहित शर्मा की खराब कप्तानी

पर्थ टेस्ट में रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में जसप्रीत बुमराह ने काफी बढ़िया कप्तानी करते हुए टीम इंडिया को 295 रनों से जीत दिलाई थी. उसके बाद तीनों मैचों में रोहित की बहुत ज्यादा डिफेंसिव कप्तानी आलोचनाओं में घिरी रही है. मेलबर्न टेस्ट की दूसरी पारी में कंगारू टीम ने 91 रन तक 6 विकेट गंवा दिए थे. उसके बाद ऐसा क्या हुआ कि भारतीय गेंदबाज विकेट के लिए तरस गए. विकेट ना मिलने की स्थिति में कप्तान आक्रामक फील्ड लगाकर गेंदबाजों की मदद करता है, लेकिन रोहित की डिफेंसिव कप्तानी केवल मेलबर्न ही नहीं बल्कि एडिलेड और उसके बाद ब्रिसबेन टेस्ट में भी देखने को मिली थी.

2. केएल राहुल की बैटिंग पोजीशन बदली

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले तीन मैचों में केएल राहुल, यशस्वी जायसवाल के साथ ओपनिंग कर रहे थे. गाबा टेस्ट के समाप्त होने तक राहुल सीरीज में 235 रन बना चुके थे और टीम इंडिया के लिए टॉप स्कोरर भी थे. मगर चौथे टेस्ट के लिए कप्तान रोहित शर्मा ने ओपनिंग में वापसी की, जिसके कारण शुभमन गिल को ड्रॉप होना पड़ा और केएल राहुल को तीसरे क्रम पर बैटिंग करनी पड़ी. राहुल ओपनिंग में बढ़िया कर रहे थे, लेकिन तीसरे क्रम पर आने के बाद उनके बल्ले से दोनों पारियों में सिर्फ 24 रन निकल पाए.

3. रोहित शर्मा और विराट कोहली बुरी तरह फेल

रोहित शर्मा और विराट कोहली अपने करियर के उस पड़ाव पर हैं, जहां से उनकी रिटायरमेंट ज्यादा दूर नजर नहीं आ रही है. छठे क्रम पर नाकामी के बाद रोहित शर्मा ने मेलबर्न टेस्ट में दोबारा ओपनिंग की, लेकिन दोनों पारियों में मिलाकर वो सिर्फ 12 रन ही बना सके. दूसरी ओर विराट ने पहली पारी में जरूर थोड़ा सब्र दिखाते हुए 36 रन बनाए, लेकिन दूसरी पारी में मात्र 5 रन बनाकर पवेलियन लौट गए. विराट दोनों बार ऑफ-स्टंप के बाहर की गेंद को छेड़ने के चलते आउट हुए.

4. दो स्पिन गेंदबाज खिलाए

पहले तीनों टेस्ट मैचों में दोनों टीम 4 तेज गेंदबाज और एक स्पिनर के गेंदबाजी मिश्रण के साथ उतर रही थीं. मगर चौथे टेस्ट के लिए टीम इंडिया के मैनेजमेंट ने एक के बजाय 2 स्पिन गेंदबाजों को खिलाना ठीक समझा. रवींद्र जडेजा टीम के मेन स्पिनर रहे जिन्होंने मैच में कुल 37 ओवर गेंदबाजी की. वाशिंगटन सुंदर से पहली पारी में 15 ओवर करवाए गए, लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने सिर्फ 4 ओवर बॉलिंग की. ऐसा लगा जैसे भारत ने बल्लेबाजी में गहराई लाने के लिए सुंदर को खिलाया था. इसके बजाय भारत ने चौथा तेज गेंदबाज खिलाया होता तो मैच का परिणाम कुछ और हो सकता था.

5. ऋषभ पंत के सब्र का टूटा बांध

ऋषभ पंत ने पांचवें दूसरे सेशन तक 93 गेंद खेलकर 28 रन बना लिए थे. वो क्रीज पर सेट हो चुके थे और प्रतीत हो रहा था जैसे भारत आसानी से मैच ड्रॉ करवा लेगा. मगर अभी तीसरे सेशन का पांचवां ही ओवर आया था कि पंत ने ट्रेविस हेड की ढीली गेंद पर बड़ा शॉट खेलने के चक्कर में अपना विकेट गंवा दिया. दरअसल भारतीय टीम का मनोबल वहीं से टूटा जब पंत ने अपना विकेट गंवाया था. पंत थोड़ा और सब्र रखते तो टीम इंडिया मैच को संभव ही ड्रॉ करवाने में सफल रहती.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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