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IAS TINA DABI : महिलाओं ने दिया बेटा होने का आशीर्वाद, टीना बोलीं- मैं बेटा-बेटी में फर्क नहीं समझती

IAS TINA DABI: Women blessed to have a son, Tina said – I do not understand the difference between son and daughter

 

कुछ दिन पहले जैसलमेर की डीएम टीना डाबी का सोशल मीडिया पर जमकर विरोध हो रहा था. टीना डाबी को अपने एक आदेश के लिए ट्रोल किया जा रहा था. जिन लोगों के खिलाफ आदेश देकर टीना डाबी पर सवाल खड़े किए जा रहे थे अब वही लोग उन्हें दुआएं दे रहे हैं.

पाक विस्थापित हिंदूओं के लिए टीना डाबी के आदेश के बाद 40 बीघा जमीन का चुनाव कर लिया गया है. पूजन कराने के बाद उस जगह को समतल किया जा रहा है. इसी जगह पर अब 250 के करीब पाक विस्थापित हिंदू परिवार अपने घर बना सकेंगे. जल्द ही बिजली-पानी की व्यवस्थाएं भी यहां पर उपलब्ध करा दी जाएंगी.

दरअसल, जैसलमेर के मूलसागर में पाकिस्तान विस्थापित हिंदुओं के लिए जमीन का चुनाव ऐतिहासिक दिन के रुप में देखा जा रहा है. संभवत: देश में ऐसा पहली बार हुआ है कि पाकिस्तान से आए हिन्दू विस्थापितों, जिन्हें अभी तक भारत की नागरिकता तक नहीं मिली है उनके पुर्नवास के लिए जैसलमेर जिला प्रशासन आगे आया और जमीन दे दी गई.

बेघर हो गए थे विस्थापित हिंदू परिवार

बता दें कि, बीती 16 मई को शहर से 4 किलोमीटर दूर अमरसागर क्षेत्र के केचमेंट और प्राइम लोकेशन की जमीन पर विस्थापित हिंदुओं द्वारा किया गया अतिक्रण हटाने की कार्रवाई की गई थी. UIT के एक्शन के बाद 50 के करीब हिंदू विस्थापित परिवार बेघर हो गए थे. बूढ़े, बच्चे महिलाएं खुले आसमान के लिए नीचे आ गए थे.

जैसलमेर कलेक्टर IAS टीना डाबी के आदेश पर की गई कार्रवाई को लेकर जमकर विरोध किया गया था. वहीं, विस्थापित हिंदू परिवारों ने भी टीना डाबी से उनके पुर्नवास की गुहार लगाई थी और रहने के जगह की मांग की थी. टीना डाबी का भी कहना था कि केचमेंट की जमीन प्राइम लोकेशन पर है और ऐसे में वहां पर अतिक्रमण नहीं होने दिया जा सकता है.

टीना डाबी के आदेश पर हिंदू विस्थापितों के लिए रहने और खाने-पीने की व्यवस्था कराई गई थी और उन्हें रेन-बसेरों में शरण दिलाई गई थी. साथ ही उनके आदेश पर हिंदू विस्थापितों के लिए जमीन देखने के आदेश जारी कर दिए थे. सोमवार को जिला मुख्यालय से 5 किमी दूर मूलसागर के पास की 40 बीघा की जमीन को विस्थापित हिंदुओं की बसाने के लिए चयनित किया गया और फिर पूजन के बाद UIT उस जमीन को समतल कराने में जुट गया है. जमीन के चयन में विस्थापित हिंदुओं के लीडर्स की भी मंजूरी ली गई है. उन्हीं लोगों ने पहले पूजा की थी फिर मिठाई बांट कर एक-दूसरे का मुंह मीठा कराया था.

जिला कलेक्टर टीना डाबी का कहना है कि कई पाकिस्तान विस्थापित हिंदू परिवार को अभी नागरिकता मिलना बाकी है. पुर्नवास के लिए जिला प्रशासन द्वारा अलग से भूमि चिन्हित कर उन्हें बसाने का कार्य शुरू कर दिया गया है. आने वाले दिनो में देश के कई जिलों और राज्यों में जैसलमेर मॉडल को अडॉप्ट किया जा सकता है.

डीएम के अनुसार अभी तक नागरिकता मिलने वाले पाकिस्तानी विस्थापितों को उनका आवेदन लेकर बसाने की गाईड लाईन बनी हुई है, लेकिन जिन्हें अभी तक नागरिकता नहीं मिली हैं अभी तक उनके पास भारतीयता का कोई आईडी प्रूफ नही हैं और वे लॉन्ग टर्म वीजा पर निवास कर रहे हैं. ऐसे पाक विस्थापितों को बसाने के लिए राज्य सरकार से मार्गदर्शन मिलने के बाद उन्हें अलग से बसाने के लिए भूमि चिन्हित की गई.

साथ ही उन्होंने कहा कि मूलसागर की जमीन पर मूलभूत सुविधाएं जुटाई जा रही हैं. यहां पर करीब 250 पाक विस्थापित परिवार निवास कर सकेंगे. इस प्रकार की करीब 90 मीटर का एरिया हर विस्थापित के लिए चिहिंत किया जा रहा है. इसके अलावा आने वाले नए विस्थापितों के लिए भी जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त भूमि भी इस खसरे के पास में सुरक्षित रखी जायेगी.

बच्चों के पढ़ने के लिए होगी व्यवस्था: DM

डीएम डाबी के मुताबिक यहां पास में पहले से ही विस्थातिपों (भील) की बस्ती हैं. वहां पर बिजली, पानी की व्यवस्था पहले से ही मौजूद है. उस व्यवस्था को नए स्थान पर एक्सटेंड किया जा रहा हैं और हम कोशिश करेंगे कि इनके बच्चों के पढ़ने के लिए भी शिक्षा व्यवस्था भी हम कर सकें. पाकिस्तान विस्थापितों से वादा करते हैं कि हम उनको बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की कोशिश करेंगे. नागरिकता मिलने के बाद विस्थापित जमीन (प्लॉट) के लिए आवेदन भी कर सकेंगे.

महिलाओं ने दिया बेटा होने का आशीर्वाद, टीना बोलीं- मैं बेटा-बेटी में फर्क नहीं समझती

घर बनाने के लिए जमीन मिलने के बाद से विस्थापित हिंदू परिवार फूले नहीं समा रहे हैं. उनकी महिलाओं ने डीएम के इस फैसले के बाद खुशी जाहिर करते हुए उन्हें पुत्रवती होने का आशीर्वाद दिया. इस पर डीएम टीना डाबी ने कहा कि मैं बेटे-बेटी में फर्क नहीं समझती हूं.

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