Trending Nowशहर एवं राज्य

IAS SMITA SABHARWAL : IAS अधिकारी स्मिता सभरवाल को पुलिस का नोटिस, AI फोटो शेयर करने को लेकर विवाद

IAS SMITA SABHARWAL : Police notice to IAS officer Smita Sabharwal, controversy over sharing AI photo

हैदराबाद। IAS SMITA SABHARWAL तेलंगाना कैडर की वरिष्ठ IAS अधिकारी स्मिता सभरवाल को बुधवार को साइबराबाद पुलिस की ओर से नोटिस जारी किया गया है। मामला हैदराबाद यूनिवर्सिटी (UOH) के पास कांचा गाचीबोवली स्थित 400 एकड़ जमीन से जुड़ा है, जिसकी AI जनरेटेड तस्वीर उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व ट्विटर) पर साझा की थी।

31 मार्च को पोस्ट की गई इस तस्वीर में दो हिरण, एक मोर और एक बुलडोजर नजर आ रहे थे। बताया जा रहा है कि यह तस्वीर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के माध्यम से बनाई गई थी। पुलिस ने नोटिस में उनसे उस पोस्ट और जमीन विवाद से जुड़ी जानकारी मांगी है।

क्यों बढ़ा विवाद?

IAS SMITA SABHARWAL  कांचा गाचीबोवली की 400 एकड़ जमीन फिलहाल हैदराबाद यूनिवर्सिटी के पास है और उस पर आईटी पार्क बनाए जाने की योजना है। इस पर छात्र संगठनों और पर्यावरणविदों का विरोध है, क्योंकि यह क्षेत्र जैव विविधता से भरपूर माना जाता है।

IAS SMITA SABHARWAL  स्मिता सभरवाल पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर इस जमीन को लेकर भ्रामक जानकारी फैलाई, जिससे जनभावनाएं भड़क सकती हैं। यह जमीन विवाद फिलहाल तेलंगाना हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों के समक्ष लंबित है, और सुप्रीम कोर्ट ने इस पर निर्माण कार्य पर रोक भी लगा रखी है।

कौन हैं स्मिता सभरवाल?

IAS SMITA SABHARWAL  स्मिता सभरवाल वर्तमान में तेलंगाना सरकार में पर्यटन और संस्कृति विभाग की प्रमुख सचिव हैं। वे 2001 बैच की IAS अधिकारी हैं। उनका जन्म 19 जून, 1977 को दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल) में हुआ था। उनके पिता कर्नल प्रणब दास भारतीय सेना में थे।

स्मिता ने ICSE परीक्षा में राष्ट्रीय टॉपर बनकर सुर्खियां बटोरी थीं। उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा 2000 में मात्र 22 वर्ष की उम्र में अखिल भारतीय स्तर पर चौथी रैंक प्राप्त की थी। उनकी प्रशासनिक यात्रा की शुरुआत मदनपल्ले (चित्तूर) के उप-कलेक्टर पद से हुई थी, इसके बाद उन्होंने ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य और शहरी प्रशासन जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय काम किया।

सोशल मीडिया पर चर्चा

IAS SMITA SABHARWAL  स्मिता की पोस्ट के बाद यह मामला सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा में है। एक ओर जहां कई यूजर्स ने उन्हें ‘पर्यावरण के पक्ष में आवाज़ उठाने वाली अधिकारी’ कहा, वहीं कुछ ने सरकारी सेवा में रहते हुए ऐसे संवेदनशील मामलों पर सार्वजनिक रूप से राय ज़ाहिर करने पर सवाल खड़े किए हैं।

 

 

 

 

 

advt----
advt--0005-april
advt--0007-april
advt-april2025-001
Share This: