IAS ABHISHEK SINGH : कौन हैं आईएएस अभिषेक सिंह ? जिनके निलंबित होने पर देशभर में चर्चा ..

IAS ABHISHEK SINGH: Who is IAS Abhishek Singh? Discussions across the country on whose suspension ..
डेस्क। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर एक्शन मूड में हैं. बिना छुट्टी लिए गायब आईएएस अधिकारी अभिषेक सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है. अभिषेक उस समय सुर्खियों में आए थे जब गुजरात विधानसभा चुनाव में उन्हें प्रेक्षक की ड्यूटी पर भेजा गया था. लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी एक तस्वीर शेयर कर दी थी, जिसके बाद उन्हें प्रेक्षक के पद से हटा दिया गया था.
IAS अभिषेक तीन महीने से बिना बताए ड्यूटी से हैं गायब –
IAS अभिषेक सिंह निलंबित को इस लिए निलंबित किया गया है, क्योंकि वह 3 महीने से बिना बताए ड्यूटी से गायब चल रहे हैं. इससे पहले उन्हें अक्टूबर साल 2014 में भी निलंबित हो चुके हैं. जल्द ही अभिषेक सिंह को आरोप पत्र दिया जाएगा.
कौन हैं आईएएस अभिषेक सिंह –
अभिषेक सिंह 2011 बैच के IAS अधिकारी हैं. अखिलेश यादव की सरकार में कानपुर मामले में चर्चित आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल के पति हैं. और वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव भी रहते हैं. उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर कई सारे रिल्स भी शेयर किए हैं.
साल 2015 में दिल्ली सरकार ने दी थी प्रतिनियुक्ति –
गौरतलब है कि आईएएस अधिकारी अभिषेक सिंह को साल 2015 में 3 साल के लिए दिल्ली सरकार में प्रतिनियुक्ति दी गई थी. लेकिन साल 2018 में प्रतिनियुक्ति की अवधि 2 साल के लिए और बढ़ा दी गई. इस दौरान उन्होंने मेडिकल लीव ले रखी थी. इसके बाद दिल्ली सरकार ने 19 मार्च 2020 को उन्हें मूल कैलेंडर में वापस भेज दिया था. इसके बाद भी वह लंबे समय से यूपी में जॉइनिंग की नहीं की थी.
IAS अभिषेक सिंह को किया गया निलंबित –
10 अक्टूबर साल 2022 को नियुक्ति विभाग ने अभिषेक सिंह का पक्ष मांगा था. लेकिन उनके ओरे से कोई जवाब नहीं मिला. इस दौरान 30 जून 2022 को उन्होंने यूपी में जॉइनिंग दी. अभिषेक सिंह ने अवमुक्त होने के बाद भी अभी तक नियुक्ति विभाग में अपनी योगदान नहीं दी है. जिसके कारण यूपी सरकार ने अखिल भारतीय सेवाएं आचरण नियमावली 1968 के नियम 3 के तहत उल्लंघन मानते हुए आईएएस अभिषेक सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबन कर दिया. इसके बारे में राजस्व परिषद को संबंध कर दिया है, और अभिषेक को निर्देशित भी किया गया है कि सप्ताह की अवधि में बिना लिखित अनुमानित प्राप्त किए मुख्यालय न छोड़े.