KOLKATA HIGH COURT : कोलकाता हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग की प्रक्रियाओं को बताया संतोषजनक, जनहित याचिका की निस्तारी

KOLKATA HIGH COURT : Kolkata High Court calls Election Commission’s procedures satisfactory, disposes of PIL
रायपुर, 14 अप्रैल 2025। KOLKATA HIGH COURT भारत निर्वाचन आयोग (ECI) की कार्यप्रणाली को लेकर दाखिल एक जनहित याचिका पर कोलकाता हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। मुख्य न्यायाधीश टी. एस. शिवगननम की अध्यक्षता में सुनवाई करते हुए अदालत ने आयोग की नामांकन और नागरिकता सत्यापन की प्रक्रिया पर पूर्ण संतोष जताया और याचिका को निस्तारित कर दिया।
मामला क्या था?
WPA(P)/85/2025 – Manik Fakir @ Manik Mondal vs Union of India & Ors. नामक इस याचिका में याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि भारत में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के लिए पूर्ण नागरिकता सत्यापन को अनिवार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी आशंका जताई थी कि कुछ विदेशी नागरिक अवैध रूप से भारतीय नागरिकता लेकर 2026 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाग ले सकते हैं।
अदालत का क्या फैसला रहा?
KOLKATA HIGH COURT मुख्य न्यायाधीश ने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग केवल चुनाव अधिसूचना जारी होने के बाद कार्य करता है और नामांकन दाखिल होने पर पूर्व निर्धारित प्रक्रिया के तहत वैधता की जांच करता है। आयोग की प्रणाली में पहले से ही जांच और संतुलन की पर्याप्त व्यवस्था है। यदि किसी उम्मीदवार के खिलाफ कोई ठोस शिकायत मिलती है, तो उचित जांच की जाती है।
KOLKATA HIGH COURT कोर्ट ने यह भी कहा कि नई वैधानिक व्यवस्था लागू करना न्यायालय का नहीं, बल्कि विधायिका का कार्य है। इसलिए इस विषय में अदालत अनुच्छेद 226 के तहत हस्तक्षेप नहीं कर सकती। इस आधार पर न्यायालय ने याचिका को निस्तारित करते हुए निर्वाचन आयोग की प्रक्रिया को वैध और संतोषजनक बताया।
महत्वपूर्ण टिप्पणी –
KOLKATA HIGH COURT कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी नागरिक को यह अधिकार है कि वह किसी भी उम्मीदवार के नामांकन पर आपत्ति दर्ज करा सकता है और इस पर आयोग द्वारा संज्ञान लिया जाता है।
KOLKATA HIGH COURT यह फैसला भारत निर्वाचन आयोग की पारदर्शिता और प्रक्रिया की न्यायिक मान्यता को दर्शाता है और आगामी चुनावों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की मजबूती को और प्रोत्साहित करता है।