किसान आंदोलन में संगठनों को कितना मिला चंदा? कहां खर्च हुए पैसे; सारा ब्यौरा आया सामने
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नई दिल्ली: दिल्ली की सीमाओं पर बीते 1 साल से चल रहे किसान आंदोलन में किसान संगठनों को मिले चंदे का ब्यौरा सामने आया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने इसे जारी किया है। जारी ब्यौरे के अनुसार, 26 नवंबर 2020 से 29 नवंबर 2021 तक किसान संगठनों को कुल 6 करोड़ 35 लाख 83 हजार 940 रुपये का चंदा मिला है। जिसमें से अब तक 5 करोड़ 39 लाख 83 हजार से ज्यादा रुपये खर्च कर चुके हैं और अभी उनके पास 96 लाख रुपये शेष हैं।
किसान संगठनों की मानें तो सबसे ज्यादा खर्च मंच बनाने और उस पर स्पीकर और लाइट लगाने पर खर्च हुए हैं, यह राशि करीब 81 लाख 47 हजार से ज्यादा रुपये मंच, लाइट और साउंड पर 1 साल में खर्च हो चुके हैं। वहीं प्रदर्शनकारियों के नहाने और पीने के पानी की व्यवस्था करने पर किसान संगठनों ने 17 लाख 95 हजार से ज्यादा रुपये खर्च किए है।
जारी किए गए ब्यौरे के मुताबिक, उन्होंने अब तक प्रदर्शनकारियों के इलाज और दवाइयों पर 68 लाख 57 हजार से ज्यादा रुपये खर्च किए। तिरपाल, कैमरा और वॉकी-टॉकी पर 38 लाख रुपये से ज्यादा, प्रदर्शनस्थल की सफाई पर 32 लाख रुपये से ज्यादा, लंगरों के टेंट पर 51 लाख रुपये, बारिश से बचने के लिए वाटर प्रूफ टेंट पर 19 लाख रुपये से ज्यादा, टीन शेड पर 45 लाख रुपये से ज्यादा और आंदोलन का प्रचार-प्रसार करने वाली आईटी सेल पर 36 लाख से ज्यादा रुपये खर्च हुए।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानून रद्द कर चुकी है, तब भी किसान आंदोलन लगातार जारी है। किसान घर वापस जाने को तैयार नहीं हैं। किसानों ने कई अन्य मांगें सरकार के सामने रख दी हैं। हाल ही में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा था कि किसानों की सभी मांगें अभी पूरी नहीं हुई हैं। सरकार को एमएसपी पर कानून बनाना होगा। आंदोलन में मारे गए किसानों के परिजनों को मुआवजा देना होगा। इसके अलावा किसानों के खिलाफ दर्ज झूठे केस वापस लेने होंगे। इसके बाद ही किसान आंदोलनकारी अपने घर वापस जाएंगे।