HINDENBURG REPORT IMPACT : हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट, फर्म ने दागे हैं 88 सवाल, जानिए आप ..
HINDENBURG REPORT IMPACT: Hindenburg’s report caused a huge fall in the shares of Adani Group, the firm has raised 88 questions, know you ..
अमेरिकी रिसर्च फर्म Hindenburg की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट नहीं थम रही है. बुधवार से भी बड़ी गिरावट आज यानी शुक्रवार को देखने को मिल रही है. अडानी ग्रुप के सभी शेयरों में बेचने की होड़ मच गई है. अडानी ग्रुप के शेयरों में बिकवाली से शेयर बाजार में भी दबाव हावी होता जा रहा है.
आज बाजार खुलते ही अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयरों में 16 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई. शेयर लुढ़क कर 52 वीक लो 1564 रुपये तक पहुंच गया. वहीं, अडानी टोटल गैस में 16 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है.
अडानी के 7 शेयरों में भारी गिरावट –
वहीं आज से adani enterprises का FPO ओपन हो गया है. लेकिन इससे पहले शेयर 6 फीसदी से ज्यादा गिरकर FPO प्राइस के करीब पहुंच गया. वहीं, अडानी पावर, अडानी विल्मर में तो 5-5 फीसदी का लोअर सर्किट लग गया है. जबकि अडानी पोर्ट में करीब 5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.
दरअसल, इससे पहले बुधवार को फॉरेंसिक फाइनेशियल रिसर्च फर्म Hindenburg की रिपोर्ट की वजह से गौतम अडानी को 50 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, और आज उससे भी बड़ा नुकसान की आशंका है.
दरअसल, फॉरेंसिक फाइनेशियल रिसर्च फर्म Hindenburg ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की है. जिसमें कहा गया है कि अडानी की कंपनियों में शॉर्ट पोजीशन पर है. रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप के सभी कंपनियों के लोन (Adani Group Debt) पर भी सवाल खड़े किए हैं. रिपोर्ट में दावा किया है कि अडानी ग्रुप की 7 प्रमुख लिस्टेड कंपनियां 85 फीसदी से अधिक ओवरवैल्यूज हैं.
फर्म ने दागे हैं 88 सवाल –
हिंडनबर्ग रिसर्च की लेटेस्ट रिपोर्ट में अडानी ग्रुप से 88 सवाल किए गए हैं. इसी रिपोर्ट से भारतीय निवेशकों का सेटीमेंट बदल गया. हालांकि अडानी ग्रुप की ओर से भी अमेरिकी रिसर्च फर्म Hindenburg को तगड़ा जवाब दिया गया है. रिपोर्ट को अडानी समूह ने बकवास करार दिया है. अडानी ग्रुप ने इस पूरी रिपोर्ट को खारिज किया है और इसे दुर्भावना से ग्रसित बताया है.
अडानी समूह के CFO जुगेशिंदर सिंह ने कहा, ‘हम हैरान हैं कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने हमसे संपर्क करने या तथ्यात्मक मैट्रिक्स को सत्यापित करने का कोई प्रयास किए बिना 24 जनवरी 2023 को एक रिपोर्ट प्रकाशित की है. रिपोर्ट चुनिंदा गलत सूचनाओं और बासी, निराधार और बदनाम आरोपों का एक दुर्भावनापूर्ण संयोजन है जिसे भारत के उच्चतम न्यायालयों द्वारा परीक्षण और खारिज कर दिया गया है.’ इसके अलावा अडानी ग्रुप अमेरिकी फर्म के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर भी विचार कर रहा है.
हिंडनबर्ग अनुसंधान क्या है? –
इस बीच हिंडनबर्ग रिसर्च का भी इतिहास सामने आया है. हिंडनबर्ग का कॉर्पोरेट गलत कामों को खोजने और कंपनियों के खिलाफ दांव लगाने का ट्रैक-रिकॉर्ड है. हिंडनबर्ग रिसर्च एक फोरेंसिक वित्तीय शोध फर्म है, जो इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव का विश्लेषण करती है. इसकी स्थापना साल 2017 में नाथन एंडरसन ने की है.