अशासकीय स्कूलों से रिटायर होने वाले शिक्षकों की ग्रेच्युटी राशि की भुगतान मामले में हुई सुनवाई

Date:

बिलासपुर। अनुदान प्राप्त अशासकीय स्कूलों से रिटायर होने वाले शिक्षकों की ग्रेच्युटी का भुगतान करने की जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की होगी, न कि राज्य सरकार की। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ की गई अपील पर यह फैसला दिया है। निजी स्कूल प्रबंधकों की ओर से छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में कई अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई थीं, जिनमें मांग की गई थी कि इन संस्थाओं से रिटायर होने वाले शिक्षकों की ग्रेच्युटी का भुगतान राज्य सरकार करे। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने उनके पक्ष में 6 मार्च 2020 को फैसला दिया था।

सिंगल बेंच ने भुगतान के लिए राज्य सरकार को उत्तरदायी माना था। इसके खिलाफ राज्य सरकार ने डिवीजन बेंच में अपील की गई थी। इसमें बताया गया कि वेतन का शत-प्रतिशत भुगतान शासन की ओर से इन संस्थानों को दिया जाता है। संसद में ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम 2009 में संशोधन किया था जो 16 सितंबर 2019 से लागू है। इसमें शैक्षणिक संस्थानों को ग्रेच्युटी का भुगतान करने की जिम्मेदारी दी गई है। जस्टिस संजय के अग्रवाल और जस्टिस संजय अग्रवाल ने शासन की अपील स्वीकार करते हुए 3 अप्रैल 1997 से 31 मार्च 2013 के बीच रिटायर शिक्षकों को ग्रेच्युटी राशि का भुगतान निजी शिक्षण संस्थान 6 सप्ताह के भीतर करें।

 

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

#Crime Updates

More like this
Related