HASDEO ARAND CONTROVERSY : हसदेव अरंड में पेड़ों की कटाई पर चरणदास महंत नाराज, वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल

HASDEO ARAND CONTROVERSY
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में शुक्रवार को वन विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने हसदेव अरंड इलाके में हो रही पेड़ों की कटाई पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जंगल बर्बाद हो रहा है और सरकार को व्यापारिक हितों की बजाय पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देना चाहिए।
डॉ. महंत ने सुझाव दिया कि प्रदेश में वन विभाग के कार्यों को टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से कराया जाना चाहिए, जैसे मध्यप्रदेश में हो रहा है। उन्होंने कहा कि इससे कार्यों में तेजी आएगी और वन विभाग का बजट सही तरीके से खर्च हो सकेगा।
वन क्षेत्र में वृद्धि, लेकिन सरकार का योगदान नहीं
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश में 684 किलोमीटर वन क्षेत्र बढ़ा है, लेकिन इसका श्रेय वर्तमान सरकार को नहीं बल्कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को जाता है। उन्होंने बाघों की घटती संख्या और वन विभाग के कार्यों पर असंतोष व्यक्त किया।
गुजरात से आया वन्य प्राणियों के लिए प्रस्ताव
महंत ने यह भी खुलासा किया कि गुजरात में अंबानी के चिड़ियाघर से एक पत्र आया है, जिसमें छत्तीसगढ़ के वन्य प्राणियों को वहां भेजने की पेशकश की गई है।
‘एक पेड़ मां के नाम’ योजना पर सवाल
महंत ने आरोप लगाया कि ‘एक पेड़ मां के नाम’ योजना के तहत एक पेड़ लगाने में हजारों रुपये खर्च हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि 5 रुपये के पेड़ को 1100 से 1900 रुपये में खरीदा गया है, जो भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।
दुबई से आते थे काम देने के लिए : धर्मजीत सिंह
चर्चा के दौरान भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने आरोप लगाया कि वन विभाग में सप्लाई और अन्य कार्य देने के लिए एक व्यक्ति दुबई से आया करता था। उन्होंने यह भी जोड़ा कि महादेव एप के संचालक भी दुबई में ही हैं, जिससे संदेह की स्थिति बन रही है।