कोरोना का टीका लगवाने वाले भक्तों को ही मिलेगा शिव मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश

रायपुर : भगवान शिव की भक्ति का विशेष मास सावन रविवार से प्रारंभ होने जा रहा है और महीनेभर तक शिवालय हर-हर महादेव से गूंजित होंगे। चूंकि अभी कोरोना का संकट समाप्त नहीं हुआ है, इसलिए शहर के प्रमुख शिवालयों में खास तैयारियां की गई हैं। भक्तों को सेनिटाइजर टनल से गुजरना होगा। मास्क जरूरी रहेगा। नारिलय, फल, पुष्प सब डलिया में रखना होगा। मंदिरों के गर्भगृह में भोलेबाबा का रुद्राभिषेक करने की अनुमति तभी, जब कोरोना का टीका लगवा लिए हों। पंडितों के अनुसार सावन मास में दो प्रदोष व्रत और चार सोमवार विशेष रहेगा। इस अवसर पर भक्तों की भीड़ अधिक होती है।
सावन मास के लिए शहर के प्राचीन बूढ़ेश्वर महादेव, खारुन नदी के तट पर हटकेश्वर नाथ महादेव और नरैयातालाब के पट पर नरहरेश्वर महादेव मंदिर में ऐसी ही तैयारियां शनिवार को की जा रही थी। शिवालयों को सजाया जा रहा है। श्रावण मास 25 जुलाई से प्रारंभ होकर 22 अगस्त तक शिवालय हर-हर महादेव से गुंजित होगा। श्रीरामचरित मानस का अखंड पाठ चलेगा। पंडितों के अनुसार हर दिन भोलेबाबा का विशेष शृंगार, महाआरती और अभिषेक होगा। देवों के देव महादेव को प्रसन्न करने के लिए सावन मास विशेष माना गया है। भगवान शिव की पूजा करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
दो तिथियां विलोपित
पंडित चंद्रभूषण शुक्ला के अनुसार सावन मास की कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि और शुक्ला पक्ष में नवमी तिथि विलोपित है। इसलिए सावन मास रविवार से शुरू होकर रविवार को समाप्त होगा। पहला सोमवार 26 जुलाई, दूसरा 2 अगस्त, तीसरा 9 अगस्त और चौथा सोमवार 16 अगस्त को है तथा प्रदोष व्रत 5 अगस्त को 20 अगस्त को रहेगा। शिवभक्त सुबह से शिवालयों में जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक करने पहुंचेंगे।
मनोकामना के लिए शिव पूजन विधान
– घर में या मंदिर में भगवान शिव को गंगाजल युक्त जल, दही, दूध, घी, शहद से अभिषेक पूजा करके मनवांछित फल प्राप्ति की प्रार्थना करें
-जलाभिषेक कर मौलिधागा व जनेऊ चढ़ाएं।
-चंदन, गुलाल, अबीर लगाएं। पुष्प, दूब, बिल्वपत्र चढ़ाएं।
-भांग का भोग लगाकर मीठा प्रसाद अर्पण एवं नारियल व पान चढ़ाएं।
– शिवस्तुति कर अपने स्वस्थ व सुखी जीवन हेतु प्रार्थना करें।
– ऊं नम: शिवाय और महामृत्युंजय मंत्र की माला फेरें।