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Halwa Ceremony: बजट पेश होने से पहले वित्त मंत्री की मौजूदगी में होती है हलवा सेरेमनी, जानें इसका महत्व

Halwa Ceremony: बजट से पहले हलवा समारोह (हलवा सेरेमनी) का आयोजन केंद्रीय वित्त मंत्री उपस्थिति में नॉर्थ ब्लॉक में होता है। बजट तैयार करने की “लॉक-इन” प्रक्रिया शुरू होने से पहले इसे आयोजित करने की परंपरा है। केंद्रीय बजट के लिए बजट तैयार करने की प्रक्रिया के अंतिम चरण में नॉर्थ ब्लॉक में हलवा सेरेमनी का आयोजन किया जाता है। पिछले साल हलवा समारोह का आयोजन केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण की उपस्थिति में नॉर्थ ब्लॉक में किया गया था। बजट तैयार करने की “लॉक-इन” प्रक्रिया शुरू होने से पहले हर साल एक परंपरा के तहत हलवा समारोह या हलवा सेरेमनी का आयोजन होता है। आइए इस परंपरा का क्या महत्व है, जानें।

बजट पेश होने से पहले क्यों होता है ‘हलवा समारोह’?

वित्त मंत्रालय की ओर से केंद्रीय बजट पेश होने से ठीक पहले एक हलवा समारोह का आयोजन किया जाता है। हलवा समारोह के जरिए यह संकेत दिया जाता है कि बजट को अंतिम रूप दिया जा चुका है और इसके छपने का काम शुरू गया है। इस समारोह में बड़ी संख्या में बजट तैयार करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त किया जाता है। दरअसल, वित्त मंत्रालय के बजट विभाग के जितने भी अधिकारी बजट बनाने के कार्य में जुटे होते हैं, उन्हें संसद में बजट पेश होने तक अपने परिवारों से संपर्क नहीं करने दिया जाता। ऐसे में सरकार उनकी मेहनत को देखते हुए उनके प्रति आभार प्रकट के लिए हलवा समारोह का आयोजन करती है।

कैसे मनाई जाती है हलवा सेरेमनी?

हलवा सेरेमनी एक परंपरागत कार्यक्रम है जिसे बजट की छपाई से पहले मनाया जाता रहा है। कहा जाता है लंबे समय तक चलने वाली बजट बनाने की प्रक्रिया की समाप्ति के बाद मीठा खाकर बजट की छपाई को औपचारिक रूप से हरी झंडी दिखाई जाती है। वित्त मंत्री जिस कड़ाही में हलवा तैयार किया जाता है उसे छूकर व अधिकारियों को हलवा परोसकर बजट की छपाई के लिए हरी झंडी दिखाती हैं। यह समारोह वित्त मंत्रालय के नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में होता है। यहां बजट की छपाई के लिए एक विशेष प्रिंटिंग प्रेस मौजूद है।

बजट तैयार करने के दौरान क्यों बरती जाती है पूरी गोपनीयता?

संसद में बजट पेश होने से पहले कुछ दिनों तक बजट से जुड़े वित्त मंत्रालय के अधिकारी और कर्मचारी नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में ही रहते हैं। जहां पूरी गोपनीयता रखी जाती है। दावों के मुताबिक मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों पर इंटेलिजेंस ब्यूरो की चौबीसों घंटे निगरानी रहती है, उन्हें प्रियजनों से संपर्क करने की भी अनुमति नहीं होती। यहां तक की उन्हें फोन करने की भी इजाजत नहीं होती है। सीसीटीवी के एक मजबूत नेटवर्क और जैमर के जरिए उन्हें बाहरी संपर्क से काट कर रखा जाता है। बताया जाता है 1950 तक बजट दस्तावेज की छपाई राष्ट्रपति भवन में होती रही लेकिन उसी वर्ष बजट के लीक हो जाने के बाद इसे मिंटो रोड और बाद में नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में स्थानांतरित कर दिया गया। उसके बाद बजट की छपाई स्थायी रूप से इसी प्रिंटिंग प्रेस में होने लगी।

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