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इतनी बारिश की मुआवजा देगी सरकार!, मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को दिए नुकसान का अनुमान लगाने के निर्देश, संग्रहण केंद्र में भीगा धान देखकर भड़के खाद्य मंत्री

रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में असामयिक वर्षा और ओलावृष्टि से फसलों और घरों को हुई क्षति का त्वरित आकलन करने के निर्देश सभी कलेक्टर को दिए हैं। उन्होंने संग्रहण केंद्रों में रखे धान को बचाने के लिए कैप कवर लगाने और पानी निकासी की व्यवस्था करने को भी कहा है। इधर नुकसान की जानकारी लेने मंदिर हसौद धान संग्रहण केंद्र पहुंचे खाद्य मंत्री अमरजीत भगत भीगा हुआ धान देखकर भड़क उठे। उन्होंने जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने को कहा है।

मुख्यमंत्री इस समय उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं। वे कांग्रेस के चुनाव पर्यवेक्षकों की बैठक लेने वाले हैं। वहीं रायबरेली में सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। छत्तीसगढ़ में भारी बरसात की सूचना के बाद उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से बात की है। मुख्यमंत्री ने वर्षा और ओलावृष्टि से फसलों और घरों को हुई क्षति का तुरंत आंकलन करने के निर्देश सभी कलेक्टर को दिए हैं। उन्होंने कहा है, प्रभावित लोगों को राजस्व नियमों और प्रावधानों के तहत तत्काल आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को वर्षा और ओला वृष्टि से संग्रहण केन्द्रों में रखे धान को बचाने के लिए कैप कवर लगाने और पानी निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं। इस बरसात की वजह से प्रदेश भर में धान की कटी हुई फसल, खलिहानों, खरीदी केंद्रों, संग्रहण केंद्रों में रखे धान को भारी नुकसान पहुंचा है। कई क्षेत्रों में प्रशासन सुबह से धान की बोरियों पर कैप कवर लगा रहा है। यह तब है जब मंगलवार दोपहर से रात तक बरसात हो चुकी है। उसमें धान भीगा है। कई केंद्रों पर जलजमाव भी हुआ है।

खरीदी केंद्रों की व्यवस्था देखने निकले मंत्री

खाद्य मंत्री अमरजीत भगत धान खरीदी और संग्रहण केंद्रों पर बरसात से बचाव की व्यवस्था देखने निकले। सबसे पहले वे मंदिर हसौद केंद्र पहुंचे। यहां धान के बोरे भीगे हुए दिखे। इन्हें आधा-अधूरा ढका गया था। पूछने पर पता चला कि केंद्र में धान को पूरी तरह ढंकने के लिए कैप कवर ही नहीं है। इस पर मंत्री भड़क गए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को फोन कर नाराजगी जताई।

जब पैसा पूरा मिलता है तो खरीदा क्यों नहीं

मंत्री अमरजीत भगत ने कहा, जब कैप कवर खरीदने के लिए पूरा पैसा मिलता है तो उसे खरीदा क्यों नहीं गया। ऐसी स्थिति क्यों बनी कि धान को बिना ढंके ही भीगने के लिए छोड़ दिया गया। उन्होंने अधिकारियों से इसके लिए जिम्मेदार लोगों की शिनाख्त करने को कहा है। उन्होंने कहा, यह पूरी तरह से लापरवाही है। ऐसे लोगों पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।

नुकसान पर विपक्ष ने भी घेरा

असामयिक बरसात से हुए नुकसान पर विपक्ष ने भी सरकार को घेरा है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा, इस बरसात से किसानों की फसल का नुकसान हुआ है। खरीदी और संग्रहण केंद्रों में रखा धान भी भीगा है। सरकार को इन दोनों का आकलन कराना चाहिए। सरकार को धान को बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाना चाहिए। पिछली बरसात के बाद भी सरकार ने सर्वे कराया था, लेकिन किसानों को नुकसान की भरपाई अब तक नहीं की गई है। इससे किसानों का बड़ा नुकसान हो जाएगा।

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