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GIRL DIES DUE TO SUPERSTITION : 2 साल की मासूम को तांत्रिक ने शरीर के कई स्थानों पर दागा, परिवार के अंधविश्वास ने ली मासूम की जान

GIRL DIES DUE TO SUPERSTITION: A Tantrik branded a 2 year old innocent girl on many places of her body, the superstition of the family took the life of the innocent girl.

झाबुआ। 15 मई को आंबा माछलिया के निधि पार सिंह बिलवाल उम्र 2 वर्ष को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था। इस दौरान उसके शरीर पर दागने के निशान थे। बच्ची को निमोनिया संक्रमण हो गया था। उसके स्वजन पहले उपचार के लिए उसे तांत्रिक के पास ले गए थे। जहा तांत्रिक ने ठीक करने के नाम पर उसके शरीर के कई स्थानों पर दागा था।

बच्ची के उपचार के लिए 10 दिनों तक यह क्रिया चलती रही। जब बच्ची गंभीर हुई तो उसे 15 मई को जिला अस्पताल उपचार के लिए लाया गया। स्थिति गंभीर होने के कारण उसके माता-पिता उसे उपचार के लिए दाहोद ले गए। 20 मई रात उपचार के दौरान निधि की मौत हो गई।

तांत्रिक क्रिया के मामले जिला अस्पताल में कई बार देखने को मिलते हैं। कुछ माह पूर्व भी ऐसे भी मामले जिला अस्पताल में आ चुके है। ग्रामीण पहलेउपचार कराने के लिए तांत्रिक के पास अपने बच्चे को ले जाते हैं। जब स्थिति बिगड़ती है तो बच्चे को जिला अस्पताल लाया जाता है। लेकिन तब तक बच्चे के शरीर में संक्रमण अधिक फैल जाता है। कई बार ताे चिकित्सकों के प्रयास करने के बावजूद भी बच्चा नहीं बच पाता।

जल्दी स्वस्थ नहीं हुई तो करवाया रेफर

15 मई को निधि के स्वजन उसे गंभीर अवस्था में उपचार के लिए जिला अस्पताल लाए थे। लेकिन बच्ची के शरीर में निमोनिया का संक्रमण अधिक फैल गया। जिससे कंट्रोल करने का प्रयास किया जा रहा था। लेकिन स्वजन उसे एक दिन जिला अस्पताल में भर्ती करने के बाद वापस ले गए। 17 मई को पुन: बच्ची को जिला अस्पताल लाया गया। लेकिन स्थिति खराब होने के कारण उसे उपचार के लिए दाहोद ले जाना पड़ा। 20 मई की रात बच्ची की उपचार के दौरान मौत हो गई।

संक्रमण अधिक था

जिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ संदीप चोपड़ा का कहना है कि गंभीर अवस्था में निधि को उसके स्वजन जिला अस्पताल लेकर आए थे। लेकिन एक दिन उपचार कराने के बाद वापस ले गए। बच्ची के शरीर के कई स्थानों पर दागा गया था। 17 मई को बच्ची को वापस जिला अस्पताल लाया गया था। लेकिन निमोनिया संक्रमण अधिक होने के कारण उसकी स्थिति गंभीर थी। स्वजन उसे उपचार के लिए दाहोद ले गए थे। ऐसे मामलें कई बार आते रहते हैं। स्वजनों को चाहिए कि बच्चा बीमार होते ही उसे चिकित्सकों को दिखाए। तांत्रिक क्रिया से बच्चा ठीक नहीं होता।

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