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एम्स में जेनेटिक्स लैब प्रारंभ

रायपुर । अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की संयुक्त सचिव अंकिता मिश्रा बुंदेला ने जेनेटिक्स लैब का उद्घाटन किया।

लैब की मदद से जेनेटिक डिजिज, कैंसर के उपचार, जीन की पहचान और डायबिटीज में इंसुलिन के रेस्पांस के बारे में भी जानकारी मिलेगी।निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने बताया कि जेनेटिक्स लैब को अत्याधुनिक बनाया जा रहा है जिसमें सिक्वेंसिंग, विभिन्न प्रकार के कैंसर की पहचान, आनुवांशिक बीमारियों और डायबिटीज में इंसुलिन का क्या प्रभाव पड़ रहा है, इसके बारे में विस्तृत जानकारी मिल सकेगी। इसका प्रयोग उपचार के साथ शोध में भी किया जा सकेगा।

इस अवसर पर बुंदेला ने एम्स में शोध और अनुसंधान के लिए उपलब्ध विभिन्न लैब और लाइब्रेरी का भी दौरा किया। बुंदेला का कहना था कि मंत्रालय अब शोध पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है। ऐसे में लैब में उपलब्ध संसाधनों का अधिक से अधिक आम लोगों के लिए उपयोग करते हुए इससे प्राप्त होने वाले डेटा को शोध और अनुसंधान के लिए उपयोग किया जाना चाहिए।उन्होंने कोविड-19 और म्यूकरमाइकोसिस के रोगियों को संस्थान में प्रदान किए गए उपचार पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसी प्रकार भविष्य में भी आम रोगियों को सेवाएं प्रदान करने के लिए चिकित्सकों को प्रोत्साहित किया। बुंदेला ने टीबी लैब, लाइब्रेरी, पैथोलॉजी लैब, ईएनटी विभाग, पीडियाट्रिक इमरजेंसी, सेंट्रल डॉम, कैथ लैब, दंत चिकित्सा और अन्य सुविधाओं को भी देखा और एम्स द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं की प्रशंसा की।

इस दौरान उप-निदेशक (प्रशासन) अंशुमान गुप्ता, मंत्रालय के संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार, अधिष्ठाता (शैक्षणिक) प्रो. आलोक अग्रवाल, प्रो. एली मोहापात्रा, प्रो. अनुदिता भार्गव, डॉ. उज्ज्वला गायकवाड़, डॉ. जेसी अब्राहम, डॉ. रमेश चंद्राकर सहित बड़ी संख्या में चिकित्सक उपस्थित थे।

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