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….दोस्ती ही एक ऐसा रिश्ता: कब्र से शख्स की बॉडी निकाल बाइक पर घुमाने लगे उसके दोस्त, हैरान कर देगी वजह

क्विटो : इंसान के सारे रिश्ते जन्म से पहले ही बन जाते है, लेकिन दोस्ती ही एक ऐसा रिश्ता है जो जन्म के बाद बनता है। अच्छे दोस्त मिलने पर जिंदगी में टेंशन खत्म हो जाती है। अक्सर कई ऐसी घटनाएं सामने आती हैं जो दोस्ती की जिंदा मिशाल कायम कर देते हैं। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक ऐसी घटना वायरल जिसने लोगों का दिल जीत लिया है। दरअसल कुछ दोस्तों ने अपने साथी की मौत के बाद भी उसका शौक पूरा किया। घटना दक्षिण अमेरिकी देश इक्वाडोर की है।

इक्वाडोर में रहने वाले एरिक सडेनो की मौत हो गई, लेकिन उसके दोस्तों ने एरिक की लाश कब्र के बाहर निकाली। इसके बाद दोस्त की बॉडी को बाइक पर बिठाकर उसकी फेवरिट जगह की सैर करवाई। एरिक सेडेनो के दोस्तों का दावा था कि उन्हें अपने दोस्त का अंतिम संस्कार करने के लिए और उनके दोस्त की लाश को ताबूत से निकालने के लिए उनके माता-पिता से अनुमति मिली थी।

मृत दोस्त को पसंद थी बाइक राइड
वायरल हो रहे वीडियो में करीब सात लोगों का ग्रुप सड़क पर बाइक से निकला था। इसमें एक बाइक पर आगे पीछे दो लोगों ने बीच में लाश को बिठा रखा था। डेलीस्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, ये लोग अपने मरे हुए दोस्त की आखिरी इच्छा पूरी कर रहे थे। दरअसल, एरिक को बाइक राइड काफी पसंद थी। इस कारण मौत के बाद दोस्तों ने एरिक को बाइक राइड करवाई। इतना ही नहीं दोस्तों ने उसकी कब्र पर शराब भी छिड़की।

दोस्तों ने ली पेरेंट्स से परमिशन
एरिक की मौत पिछले सप्ताह हो गई थी जब वो अपने किसी प्रियजन के अंतिम संस्कार के रास्ते में जा रहा था और किसी ने उस पर गोली चला दी थी। मौत के बाद एरिक के दोस्त नहीं आ पाए थे। जब एक हफ्ते बाद वो पहुंचे, तो उन्होने एरिक के माता-पिता से परमिशन ली और एरिक की लाश को कब्र से बाहर निकाल कर बाइक पर घुमाया। इस घटना के वीडियो वायरल हो रहे हैं। अब इस मामले पर पुलिस ने संज्ञान लिया है और जांच शुरू कर दी है।

कई देशों में कब्र से शव निकालने की हैं परंपराएं
बता दें कि, कई देशों में कब्र से शव निकालने की परंपराएं मौजूद हैं। इंडोनेशिया के दक्षिण सुलावेसी प्रांत के तोराजा गांव में भी इसी तरह की एक अजीबोगरीब परंपरा है। यहां लोग मृत परिजनों की देखभाल भी किसी जीवित व्यक्ति की तरह करते हैं। वो समय-समय पर कब्र खोदकर शव बाहर निकालते हैं। इसके बाद उन्हें साफ-सुथरा करते हैं और नए कपड़े पहनाते हैं। इसके साथ ही टूटे हुई ताबूत की मरम्मत कराई जाती है या फिर उसे बदल दिया जाता है। इसके बाद अपने परिजनों के शव को तय रास्ते से पूरे गांव में टहलाते हैं। गांव की इस परंपरा को ‘माइनेने’ कहा जाता है। ये परंपरा हर साल अगस्त में निभाई जाती है। इसे शवों की सफाई का कार्यक्रम माना जाता है। गांव के लोगों की पुरानी मान्यता के मुताबिक, मृत व्यक्ति की आत्मा उसके पैतृक गांव में जरूर लौटती है।

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