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Balco की राख से भयंकर प्रदूषण, NGT ने चलाया डंडा, जांच के लिए 3 सदस्यीय दल का गठन

कोरबा – जिले में बालको की राख से होने वाले प्रदूषण को एनजीटी ने गंभीरता से लिया है. इस मामले में पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष रामअवतार अग्रवाल ने 247 पन्नों की याचिका एनजीटी के समक्ष पेश की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने कलेक्टर के माध्यम से सरकार को नोटिस जारी किया है. 3 सदस्यीय दल का गठन करते हुए मौका मुआयना कर 6 हफ्ते में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं.

रामावतार अग्रवाल ने याचिका में कहा एनजीटी में याचिका लगाने वाले रामावतार का कहना है कि ” जिले में पिछले 2 साल से मनमाने ढंग से राख को यहां वहां फेंका जा रहा है. अब बालको से जो राख निकलता है, उसे लो लाइन एरिया के नाम पर जहां इनकी मर्जी हो वही ले जाकर डाल रहे हैं. स्कूल का प्लेग्राउंड, श्मशान घाट और नदी नालों के किनारे राख डंप की जा रही है. यहां तक की जो जमीन रिकॉर्ड में तालाब है. उस तालाब को भी पाट दिया गया है.इन सब गड़बड़ियों के विरोध में हमने स्थानीय तौर पर जिम्मेदार अधिकारी कलेक्टर को पत्र लिखा. जब सुनवाई नहीं हुई तो एनजीटी में याचिका दायर की. जिसे बेहद गंभीरता से लेते हुए एनजीटी ने 6 हफ्ते के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है. इतना ही नहीं कलेक्टर सहित स्थानीय पर्यावरण संरक्षण मंडल और सेंट्रल पॉल्यूशन बोर्ड के सदस्यों को भी इस समिति में मेंबर बनाकर मौका मुआयना करके रिपोर्ट देने को कहा गया है.”

रामावतार अग्रवाल ने बताया कि अधिवक्ता सतीश कुमार त्रिपाठी के जरिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सेंट्रल जोन कार्यालय भोपाल के समक्ष याचिका पेश की गई है. याचिका को स्वीकार करने के साथ ही जस्टिस शिवनारायण सिंह और अरुण वर्मा की बेंच ने इस मामले को गंभीरता से लिया. याचिका में कलेक्टर कोरबा, मुख्य सचिव, बालको के सीईओ सहित 6 लोगों को पार्टी बनाया गया है. अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी.

याचिका में बताया गया है कि उत्सर्जित राख में आर्सेनिक, लेड, मैंगनीज, मरक्यूरी, सेलेनियम, थैलियम वैनेडियम, रेडियम, सिलिका और बोरान जैसे केमिकल मिले होते हैं. जिनसे नर्वस सिस्टम, दिमाग, आंखें, फेफड़े और श्वसन तंत्र, लीवर, हड्डियों के जोड़, किडनी, दिल, गला, नाक और त्वचा पर कई तरह के घातक प्रभाव पड़ते हैं इस मामले में स्थानीय पर्यावरण संरक्षण मंडल के कनिष्ठ वैज्ञानिक माणिक चंदेल ने बताया कि “मेसर्स बालको प्लांट, कोरबा के विरोध में रामअवतार अग्रवाल ने एनजीटी के समक्ष याचिका दायर की थी. जिसमें एनजीटी ने स्टेट ऑफ छत्तीसगढ़ को संयुक्त समिति गठन करने का निर्देश दिया है. निर्देश में कलेक्टर के अलावा एक सदस्य सेंट्रल पॉल्यूशन बोर्ड, एक सदस्य स्थानीय पर्यावरण संरक्षण मंडल को मिलाकर 3 लोगों की समिति बनेगी. ये टीम बाल्को पावर प्लांट से उत्सर्जित राख के डिस्पोजल के संबंध में निरीक्षण कर रिपोर्ट 6 हफ्ते के भीतर रिपोर्ट देगी।बता दें कि बालको से उत्सर्जित होने वाले राख की ट्रांसपोर्टिंग करने वाले मुख्य ट्रांसपोर्टर ब्लैक स्मिथ जिसका सीधा संपर्क हाउस से होना बताया जाता है यही वजह है कि ब्लैक स्मिथ मनमाने ढंग से राख को कही बजी फेंक दिया जाता है जिसकी शिकायत और जन आंदोलनों के बाद भी जिला प्रशासन एवं पर्यावरण विभाग मौन साधे हुए है जिसका खामियाजा कोरबा के नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है ।अब देखना यह है कि NGT के आदेश के बाद भी कोई कार्यवाही होती है या फिर वही ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ होती है ।

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