chhattisagrhTrending Now

हाईकोर्ट के जज पर भड़की महिला नेत्री, जानिए क्या है मामला

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा यह निर्णय दिए जाने के कुछ दिन बाद कि किसी व्यक्ति द्वारा अपनी पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाना अपराध नहीं माना जा सकता, राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की पूर्व अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बुधवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय को उच्च न्यायालय की इस ‘‘बेतुकी और पूरी तरह से अस्वीकार्य’’ टिप्पणी के लिए फटकार लगानी चाहिए।

उन्होंने निचली अदालतों और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों से लैंगिक मामलों के प्रति संवेदनशील होने का भी आह्वान किया। राज्यसभा सदस्य शर्मा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘बेतुका और पूरी तरह से अस्वीकार्य। उच्चतम न्यायालय को इस फैसले पर उच्च न्यायालय को फटकार लगानी चाहिए।’’ छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने कहा कि पति द्वारा अपनी पत्नी के साथ उसकी सहमति के बगैर किसी भी तरह के यौन कृत्य को दुष्कर्म नहीं कहा जा सकता। उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने सोमवार को एक आदेश में यह टिप्पणी की और आरोपी पति को भारतीय दंड संहिता की तीनों धाराओं 304, 376 और 377 के तहत लगे सभी आरोपों से बरी कर दिया है तथा उसे तत्काल जेल से रिहा करने का आदेश दिया। इस बीच, प्रमुख मानवाधिकार वकील करुणा नंदी ने कहा कि मौजूदा कानून के कारण उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के हाथ बंधे हुए हैं। TAGS

 

advt_003_feb2025
advt_002_feb2025
Share This: