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डा. आंबेडकर की विरासत हमारी न्यायिक प्रणाली के लिये है एक मार्गदर्शक प्रकाश : चीफ जस्टिस सिन्हा

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने कहा कि डा. आंबेडकर की विरासत हमारी न्यायिक प्रणाली के लिये एक मार्गदर्शक प्रकाश है और उन मूल्यों की याद दिलाती है जिनका हम पालन करते हैं। सामाजिक भेदभाव मिटाने और सभी के लिये समानता सुनिश्चित करने की दिशा में उनके अथक प्रयास ही हमारे संविधान का आधार है। बाबा साहब अम्बेडकर ने हमें एक नक्शा व नैतिक ढांचा दिया जिस रास्ते पर चलने की हमारी जिम्मेदारी है।

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में आयोजित 75वें गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने न्यायालय भवन में स्थापित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किये। तत्पश्चात् निर्धारित समय पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया । इसके उपरांत राष्ट्रगान और भारत माता की जय के उद्घोष से माहौल गूंज उठा। द्वितीय और बी कंपनी बारहवीं वाहिनी (भारत रक्षित), 7वीं बटालियन छ.ग. एन.सी.सी. (बालिका एवं बालक प्लाटून), टीम एन.एस.एस. तथा परेड समन्वयक डी एस बैस (उप पुलिस अधीक्षक), सुरक्षा अधिकारी उच्च न्यायालय की परेड आकर्षण का केन्द्र रही मुख्य न्यायाधीश ने परेड की सलामी ली। केन्द्रीय जेल, बिलासपुर के बैंड पार्टी द्वारा आकर्षक प्रस्तुति दी गई। मुख्य न्यायाधीश के द्वारा कार्यकम में उपस्थित समस्त आगुंतकों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाए दी। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय परिसर के गार्डन में डा. बी.आर. आंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा ने किया ।

उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व दो अक्टूबर 2023 को गांधी जयंती के अवसर पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय भवन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की प्रतिमा का भी अनावरण मुख्य न्यायाधिपति के द्वारा किया गया था। मुख्य न्यायाधिपति ने उपस्थित आगंतुको को संबोधित करते हुए डा. बी.आर. आंबेडकर को ‘भारतीय संविधान का जनक” बताया । उन्होंने कहा कि डा. आंबेडकर की विरासत हमारी न्यायिक प्रणाली के लिये एक मार्गदर्शक प्रकाश है और उन मूल्यों की याद दिलाती है जिनका हम पालन करते हैं। सामाजिक भेदभाव मिटाने और सभी के लिये समानता सुनिश्चित करने की दिशा में उनके अथक प्रयास ही हमारे संविधान का आधार है। बाबा साहब डा. आंबेडकर ने हमें एक नक्शा व नैतिक ढांचा दिया जिस रास्ते पर चलने की हमारी जिम्मेदारी है।

इसके उपरांत परेड में शामिल द्वितीय और बी कंपनी बारहवीं वाहिनी (भारत रक्षित) उच्च न्यायालय आवासीय परिसर, सातवीं बटालियन छग. एनसीसी. (बालिका एवं बालक प्लाटून) डी.पी. विप्र कॉलेज, बिलासपुर, एनएसएस. अटल बिहारी बाजपेयी विश्वविद्यालय तथा परेड समन्वयक डीएस बैस (उप पुलिस अधीक्षक), सुरक्षा अधिकारी उच्च न्यायालय को माननीय मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा द्वारा स्मृति चिन्ह प्रदान करते हुए सम्मानित किया गया।

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायमूर्तिगण, सेवानिवृत्त न्यायमूर्तिगण, रजिस्ट्रार जनरल, महाधिवक्ता, अतिरिक्त महाधिवक्ता व शासकीय अधिवक्तागण, उच्च न्यायालय व जिला न्यायालय के बार एसोसिएशन के पदाधिकारी एवं सदस्य, उच्च न्यायालय कर्मचारी संघ के पदाधिकारी एवं सदस्य, रजिस्ट्री के अधिकारी व कर्मचारीगण एवं बिलासपुर जिला न्यायालय के न्यायिक अधिकारीगण की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर उच्च न्यायालय परिसर के आस-पास के ग्रामों के निवासी एवं स्कूली बच्चे उत्साहपूर्वक शामिल हुये। इस समारोह में स्वस्फूर्त लगभग 5000 से भी अधिक संख्या में लोग शामिल हुये ।

गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में उच्च न्यायालय भवन, नवनिर्मित विस्तार भवन, छ.ग. राज्य न्यायिक अकादमी तथा ए.डी.आर. बिल्डिंग को आकर्षक प्रकाश व्यवस्था से सुसज्जित किया गया था।

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