DGP-IG CONFRENCE: PM’s entry will cause a stir in Raipur, major security issues will be closely reviewed.
रायपुर, 27 नवंबर 2025। राजधानी रायपुर में 28 से 30 नवंबर तक आयोजित होने वाले पुलिस महानिदेशक/महानिरीक्षक (DGP/IGP) के 60वें अखिल भारतीय सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29-30 नवंबर को शामिल होंगे। यह महत्वपूर्ण सम्मेलन भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) रायपुर में आयोजित किया जा रहा है, जहां देशभर के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों और भविष्य की रणनीतियों पर विचार-विमर्श करेंगे।
‘विकसित भारत: सुरक्षा आयाम’ पर केंद्रित सम्मेलन
इस वर्ष सम्मेलन की थीम ‘विकसित भारत: सुरक्षा आयाम’ रखी गई है। इसमें वामपंथी उग्रवाद, आतंकवाद निरोध, महिला सुरक्षा, आपदा प्रबंधन और पुलिस व्यवस्था में फोरेंसिक साइंस व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग पर विस्तृत चर्चा होगी। प्रधानमंत्री इस दौरान विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक भी प्रदान करेंगे।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर खुले विचार-विमर्श का मंच
यह सम्मेलन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को एक संवादात्मक मंच प्रदान करता है, जहां वे कानून-व्यवस्था, अपराध नियंत्रण और आंतरिक सुरक्षा खतरों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा कर सकेंगे। पीएम मोदी हमेशा से इस सम्मेलन में विशेष रुचि दिखाते रहे हैं और पुलिस सुधारों, नवाचारों तथा आधुनिक तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देते रहे हैं।
कई राज्यों में आयोजित हो चुका है सम्मेलन
वर्ष 2014 से प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में सम्मेलन के स्वरूप और आयोजन में लगातार सुधार हुआ है। यह सम्मेलन गुवाहाटी, कच्छ, हैदराबाद, टेकनपुर, केवड़िया, पुणे, लखनऊ, नई दिल्ली, जयपुर और भुवनेश्वर जैसे शहरों में सफलतापूर्वक आयोजित किया जा चुका है। इस वर्ष यह परंपरा रायपुर में आगे बढ़ाई जा रही है।
वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी
कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, गृह राज्य मंत्री, सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशक, केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुख और चुने हुए DIG/SP स्तर के अधिकारी शामिल होंगे। राज्यों के गृह विभागों के शीर्ष अधिकारी भी इसमें भाग लेंगे, जिससे नीति निर्माण और सुरक्षा रणनीतियों में विविधता और मजबूती आएगी।
छत्तीसगढ़ की भूमिका पर विशेष नजर
रायपुर में इस उच्चस्तरीय सम्मेलन से राज्य की सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक तैयारी पर भी राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान गया है। यह आयोजन छत्तीसगढ़ के लिए सम्मान और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
