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Delhi Jal Board Corruption Case: दिल्ली जल बोर्ड भ्रष्टाचार मामले में ED का एक्शन, दिल्ली, मुंबई सहित कई स्थानों पर की छापेमारी

Delhi Jal Board Corruption Case
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Delhi Jal Board Corruption Case: दिल्ली जल बोर्ड (DJB) से जुड़े सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भ्रष्टाचार मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) एक्शन मोड में आ गई है। ईडी ने इस संबंध में दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई और हैदराबाद में कई स्थानों पर छापेमारी की है। इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB), जीएनसीटीडी द्वारा एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके आधार पर ही ईडी की जांच में दिल्ली में 10 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) के अपग्रेडेशन में 1943 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया गया है।

दिल्ली जल बोर्ड में भ्रष्टाचार

Delhi Jal Board Corruption Case:  इस मामले में एजेंसी टेंडर देने में मिलीभगत और रिश्वतखोरी की जांच कर रही है। इस मामले में दर्ज एफआईआर में यूरोटेक एनवायरनमेंटल प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी और अन्य पर ज्यादा दरों पर टेंडर हासिल करने में मिलीभगत का आरोप लगाया गया है। प्रवर्तन निदेशालय को दिल्ली जल बोर्ड के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भ्रष्टाचार मामले में दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई और हैदराबाद के विभिन्न स्थानों पर की गई तलाशी में बहुत कुछ मिला है। ईडी ने इस छापेमारी में 41 लाख रुपये की नकदी, विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए हैं। इस संबंध में ईडी ने जानकारी दी है। ईडी ने यह छापेमारी 3 जुलाई को की थी।

पूरा मामला

Delhi Jal Board Corruption Case: दिल्ली जल बोर्ड ने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के संबंध में टेंडर निकाला था, जिसे तीनों संयुक्त उद्यमों ने हैदराबाद की मैसर्स यूरोटेक एनवायरनमेंट प्राइवेट लिमिटेड को काम का उप-ठेका दिया। इन चारों टेंडरों की शुरुआती लागत लगभग 1,546 करोड़ रुपये थी, जिसे 1943 तक बढ़ा दिया गया था। ईडी ने अपनी जांच में पाया है कि निविदाएं बढ़ी हुई दरों पर दी गई थीं और डीजेबी द्वारा अपनाई गई लागतें कम थीं, जबकि अपग्रेडेशन की लागत वृद्धि से कम थी।इसके साथ ही ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि कंपनियों ने टेंडर लेकर दूसरी कंपनी को ठेका दिया। अब इन सभी पहलुओं की ईडी जांच कर रही है।

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