दिल्ली HC ने ED से पूछा सवाल, कहा- क्या केजरीवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का IO के पास था अधिकार?

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को प्रवर्तन निदेशालय से पूछा कि क्या आबकारी घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी के समन को नजरअंदाज करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद के विरुद्ध शिकायत दर्ज करने का संबंधित जांच अधिकारी (आईओ) के पास अधिकार था। अदालत ने ईडी ने इस संबंध में ईडी को प्रासंगिक दस्तावेज पेश करने का आदेश दिया। अदालत ईडी द्वारा जारी समन के साथ ही इसे चुनौती देने वाली याचिका खारिज करने के ट्रायल कोर्ट के निर्णय को चुनौती दी है। मामले में आगे की सुनवाई 11 फरवरी को होगी।
जोगिंदर नाम के एक ईडी अधिकारी ने जारी किया था समन
हालांकि, मामले पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी की पीठ ने मौखिक रूप से यह भी कहा कि भले ही आईओ शिकायत दर्ज करने के लिए अधिकृत नहीं था, फिर भी मामले का संज्ञान लेने वाला ट्रायल कोर्ट का आदेश अनुचित नहीं होगा क्योंकि इसमें अनियमितता है या अवैधता नहीं है। सुनवाई के दौरान केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की तरफ से पेश हुई वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका जॉन ने आपराधिक शिकायत की स्थिरता पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि जबकि मनी लॉन्ड्रिंग प्रिवेंशन एक्ट (पीएमएलए) के तहत समन जोगिंदर नाम के एक ईडी अधिकारी द्वारा जारी किया गया था।
जबकि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 174 के तहत शिकायत (समन की अवज्ञा करने के लिए) संदीप शर्मा नाम के एक अलग व्यक्ति द्वारा दायर की गई थी। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि अदालत द्वारा मामले का संज्ञान लेने के लिए शिकायत संबंधित लोक सेवक द्वारा दर्ज की जानी चाहिए, जो इस मामले में पीएमएलए समन जारी करने वाला अधिकारी होगा।
‘बाद के समन किसी अन्य अधिकारी द्वारा भेजे गए’
जबकि संबंधित लोक सेवक ने यह शिकायत दर्ज नहीं की है और यह सीआरपीसी की धारा-195 की पूर्ण अवहेलना है। रेबेका जॉन ने बताया कि भले ही समन करने वाला जांच अधिकारी मौजूद था और सेवानिवृत्त नहीं हुआ था, लेकिन बाद के समन किसी अन्य अधिकारी द्वारा भेजे गए थे।
वहीं, ईडी की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता जोहेब हुसैन ने इसका विरोध करते हुए कहा कि शिकायत एक सह-जांच अधिकारी द्वारा दायर की गई थी, जो शिकायत दर्ज करने के लिए अधिकृत था।इस पर पीठ ने ईडी को संबंधित प्रासंगिक दस्तावेज पेश करने निर्देश दिया कि जिससे स्पष्ट हो सके कि संबंधित जांच अधिकारी केजरीवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के योग्य था।