Delhi Election 2025 Voting: दिल्ली में वोटिंग के बीच मुश्किल में अरविंद केजरीवाल.. हरियाणा में दर्ज हो गया केस, जानिए क्या है मामला?

Delhi Election 2025 Voting: कुरुक्षेत्र। यमुना के पानी पर बयानबाजी के मामले में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मंगलवार की शाम को कुरुक्षेत्र के शाहाबाद थाना पुलिस ने केस दर्ज किया है। शाहाबाद निवासी अधिवक्ता एवं मारकंडेश्वर मंदिर के अध्यक्ष जगमोहन मनचंदा की ओर से पुलिस में दी शिकायत दी है।
इसमें अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के अन्य सदस्यों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की गई है। यह एफआईआर शाहाबाद अदालत के आदेश पर हुई है। मनचंदा ने शिकायत में आरोप लगाया है कि उन्होंने 29 जनवरी को शाहाबाद थाने में और उसके बाद डीएसपी को शिकायत देकर केस दर्ज करने की मांग की थी, लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। इसके बाद उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया।
यमुना के पानी को जहरीला करने का लगाया था आरोप
उल्लेखनीय है कि केजरीवाल ने हरियाणा पर यमुना के पानी को जहरीला करने का आरोप लगाया था। शिकायत में जगमोहन मनचंदा ने कहा कि उन्होंने अरविंद केजरीवाल का एक वायरल वीडियो देखा है। इसमें उन्होंने भड़काऊ बातें कही हैं। वीडियो में दिए बयान से प्रतीत होता है कि वे हरियाणा में दंगा भड़काने के मकसद से ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं।
शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि महाकुंभ चल रहा है। दो समुदायों में टकराव की स्थिति पैदा करने के लिए जानबूझ कर ऐसे बयान दिए गए हैं। शिकायत में आरोप है कि दिल्ली चुनाव के कारण ही केजरीवाल साजिश कर रहे हैं। किसी गलत मकसद से इस तरह के भड़काऊ, झूठे और भ्रामक बयान दिए हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली और हरियाणा में दंगे कराना चाहते हैं ताकि चुनाव में लाभ ले सकें। शिकायतकर्ता का कहना है कि वर्तमान में उच्चतम न्यायालय के आदेश दिनांक 29 फरवरी 1996 की अनुपालन में हरियाणा 1049 क्यूसेक पानी दिल्ली के लिए छोड़ रहा है।
इन धाराओं में हुआ केस दर्ज
पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 192, 196(1), 197(1), 248(ए) और 299 के तहत केस दर्ज किया गया है। धारा 192 (दंगा भड़काने के लिए जान-बूझकर उकसाना) में एक साल जेल या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। धारा 196(1) (झूठा साक्ष्य पेश करना या पेश करने की कोशिश करना) के तहत पांच साल जेल और जुर्माना हो सकता है। धारा 197(1) (राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाना, विशेष वर्ग के लोगों के बीच नफरत पैदा करना) में तीन साल तक की जेल और हो सकते है। धारा 248 (ए) ( किसी व्यक्ति पर झूठा आरोप लगाना) में 10 साल तक की जेल हो सकती है। धारा 299 (किसी धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करना) के तहत तीन साल जेल, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।