रायपुर, 30 दिसंबर। जमीन की नई गाइडलाइन दरों पर प्रदेश के ज्यादातर जिलों में आपत्तियां आई हैं। बताया गया कि सबसे ज्यादा आपत्तियां चार जिले रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग और राजनांदगाव में आई है। गाइडलाइन दरों के पुनरीक्षण प्रस्ताव पर बुधवार को कैथिनेट में चर्चा होगी। सरकार ने सात साल बाद जमीन की गाइडलाइन दरों में बढ़ोतरी की है। गाइडलाइन दरों में कई जगहों पर एक हजार फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई। इसका चौतरपण विरोध हुआ, और कुछ संशोधन किए गए। साथ ही दरों पर आपत्तियां बुलाई गई।
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के ज्यादातर जिलों में गाइड लाइन दरों को लेकर आपत्तियां आई है।सबसे ज्यादा आपत्ति रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, और राजनांदगांव जिले में आई है। अंबिकापुर, जरापुर, रायगढ़ और कोरबा में भी गाइडलाइन दरों को लेकर आपत्तियां आई हैं।
आपत्तियों में यह कहा गया कि जमीन की वास्तविक कीमत से अधिक गाइडलाइन दर हो गई है। गाइडलाइन दरों में वृद्धि के चलते जमीन के कारोबार पर अत्सर पड़ा है। सांसद बृजमोहन अग्रवाल, और कई विधायकों ने गाइडलाइन दरों पर असहमति जताई है। बृजमोहन अग्रवाल ने तो सीएम विष्णु देव साय की चि लिखाकर सीधे सीधे पत्र लिखकर नई गाइडलाइन दरों की तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का आग्रह किया है। विभागीय सूत्रों ने छत्तीसगढ़ से चर्चा में बताया कि बुधवार को पुनरीक्षण प्रस्ताव पर कैबिनेट में चर्चा होगी।
दूसरी तरफ, जमीन के कारोबारी नई गाइडलाइन दरों के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। इस सिलसिले में कारोबारियों की राज्यसभा सदस्य, और सुप्रीम कोर्ट के वकील विवेक तन्खा से चर्चा हो चुकी है। इस सिलसिले गाइडलाइन दरों से जुड़े नियमों को खंगाला जा रहा है।यह बताया गया कि सरकार ने गाइडलाइन दरों पर आपति-दावे बुलाए बिना दरें लागू की है। इस पर कैबिनेट के रुख पर कारोबारियों की निगाहें हैं। कारोबारियों का कहना है कि दरों में संशोधन नहीं किया जाता है, तो हाईकोर्ट का विकल्प तैयार है।
पुलिस कमिश्रर प्रणाली पर लगेगी मुहर
कैबिनेट की बुधवार को बैठक में पुलिस कमिश्रर प्रणाली पर मुहर लग सकती है। खबर है कि नए साल में राजधानी रायपुर में पुलिस कमिश्रर प्रणाली लागू होगी। बैठक में एक्ट में संशोधन आदि प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है।
