Constable Suicide Cases: आरक्षक सुसाइड मामले के लिए विशेष जांच टीम गठित, पढ़े पूरी खबर
Constable Suicide Cases: राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में चल रही पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में कई गड़बड़ियां उजागर हुई थी। जिसके बाद फिजिकल टेस्ट प्रक्रिया की निगरानी में शामिल रहे सिपाही अनिल रत्नाकर का शव फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में आईजी दीपक झा ने आरक्षक की मृत्यु की निष्पक्ष जांच के लिए विशेष जांच टीम गठित की है।
फांसी के फंदे में लटकी मिली लाश
ग्राम रामपुर में एक आरक्षक की लाश खेत में पेड़ से फांसी के फंदे से लटकी मिली है। यह आरक्षक राजनांदगांव रेंज में चल रही पुलिस भर्ती प्रक्रिया में ड्यूटीरत था। बीती रात आरक्षक पुलिस लाइन से निकला और सुबह उसकी लाश रामपुर के खेत में लटकी मिली। बताया जा रहा है कि आरक्षक अनिल रत्नाकर ने बीती रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। भर्ती के लिए खैरागढ़ पुलिस बल का जवान पिछले कई दिनों से स्थानीय 8वीं बटालियन में ड्यूटी में था। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों पुलिस भर्ती में कथित गड़बड़ी उजागर होने के बाद जवान तनाव में था। आरक्षक के खुदकुशी करने की घटना को गड़बड़ी से ही जोडक़र देखा जा रहा है। परिजनों को घटना की सूचना दे दी गई है। फारेंसिक टीम मौके पर मौजूद है। परिजनों के सामने शव को पेड़ से उतारा जाएगा। उसके बाद पोस्टमार्टम होगा।
महासमुंद का रहने वाला था आरक्षक
जानकारी के मुताबिक आरक्षक मूलतः महासमुंद के सरायपाली का रहने वाला था। पुलिस घटना की जांच कर रही है। खैरागढ़ जिले के जालबांधा पुलिस चौकी में पदस्थ अनिल रत्नाकर की राजनांदगांव में भर्ती के लिए ड्यूटी लगाई गई थी। सूत्रों के मुताबिक जवान की भूमिका भर्ती प्रक्रिया में संदिग्ध रूप से सामने आई है। लिहाजा आला अफसरों ने आरक्षक रत्नाकर समेत लगभग डेढ़ दर्जन लोगों को संदेह के घेरे में रखा है। बहरहाल आरक्षक की लाश मिलने के बाद से पूरे विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। आरक्षक के परिवार के कई लोग पुलिस विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
कई तथ्य निकलकर आ रहे सामने
वहीं पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया के दौरान पाई गई गड़बड़ियों में अब कई नए तथ्य सामने आ रहे हैं। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो, जांच कर रही टीमों ने पाया कि ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने दौड़ में भाग ही नहीं लिया, उन्हें भी अंक दे दिए गए हैं। इसके अलावा शून्य नंबर पाने वाले अभ्यर्थियों को सात अंक दे दिए गए हैं। शुरूआती दौर की जांच में हैदराबाद की जिस टीम को जिम्मेदारी दी गई थी, उनके द्वारा अनियमितता पाए जाने की जानकारी सामने आ रही है। हालांकि इस मामले में टीम द्वारा हर बिंदुओं को ध्यान में रखते जांच आगे बढ़ाई जा रही है। हैदराबाद की कंपनी के साथ ही स्थानीय पुलिस विभाग के कर्मचारियों की संलिप्तता की जानकारी भी जुटाई जा रही है।