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Baloda Bazar Violence: बलौदाबाजार हिंसा मामले में कलेक्‍टर-एसपी निलंबन को लेकर कांग्रेस ने उठाये सवाल, पढ़िये पूरी खबर… 

रायपुर। बलौदाबाजार हिंसा मामले में साय सरकार काफी कठोर नजर आ रही है।दरअसल कल यानि गुरुवार देर रात पूर्व डीएम और एसपी को निलंबित कर दिया गया। इससे दो दिन पहले ही राज्य शासन ने डीएम कुमार लाल चौहान और एसपी सदानंद कुमार को हटा दिया था। शासन की ओर से जारी किए गए आदेश में समय रहते उचित कार्रवाई नहीं किए जाने पर निलंबन किए जाने की बात कही गई है।

एसआइटी ने शुरू की जाँच 

वहीं, एसआइटी ने भी हिंसा की जांच शुरू कर दी है। 21 सदस्यीय टीम ने अलग-अलग बिंदुओं पर जांच शुरू की। इसमें आठ एफआइआर की जांच के लिए तीन-तीन लोगों की टीम बनाई गई है। नेताओं की भूमिका की भी जांच की जा रही है। इंटरनेट मीडिया पर एक अलग टीम काम कर रही है, जो कि भीड़ को जमा करने के साथ ही भड़काऊ भाषण व अन्य संदिग्ध पोस्ट प्रसारित किए। एसआइटी ने नेताओं के काल डिटेल को भी जांच के दायरे में लिया है।

घटना स्थल पर पहुंची कांग्रेस की टीम

बलौदाबाजार हिंसा मामले में कांग्रेस की सात सदस्यीय जांच समिति ने घटनास्थल पहुंचकर अपनी जांच शुरू की। जांच समिति गिरौदपुरी क्षेत्र के उस अमरगुफा में भी पहुंची और लोगों से बातचीत की। यहां टीम में शामिल कांग्रेस जांच समिति के संयोजक व पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि अमरगुफा पहुंचकर टीम ने घटना की बारीकी से पड़ताल की।

उन्‍होंने कहा, भाजपा के शासन काल में ही इस तरह की घटनाएं होती हैं। पुलिस पूरी तरह फेल साबित हुई है। उनका इंटेलिजेंस क्या कर रहा था ? भीम आर्मी, भीम रेजिमेंट और भीम क्रांतिवीर के इस घटना में शामिल होने के सवाल पर डहरिया ने कहा कि मामले में जो दोषी हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, लेकिन बेगुनाहों को ना पकड़ा जाए और उन्हें ना सताया जाए।

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