कांग्रेस अध्यक्ष पद: शशि थरूर ने भरा नामांकन तो तय है चुनाव, चर्चा में इन 2 नेताओं का नाम
नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर गहमागहमी तेज हो गई है. ऐसे में शशि थरूर की उम्मीदवारी पर हो रही अटकलबाजी अब कुछ-कुछ सच होती नजर आने लगी हैं. थरूर कई बार ऐसे संकेत दे चुके हैं कि वह कांग्रेस के प्रेसिडेंट का चुनाव लड़ना चाहते हैं. भले ही उन्होंने साफतौर पर कभी कुछ ना कहा हो, लेकिन उनकी बातों से कई बार उनकी यह इच्छा झलक चुकी है. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अगर थरूर ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया, तो फिर चुनाव होना तय है. पार्टी के एक खेमे के मुताबिक, कांग्रेस प्रेसिडेंट के इलेक्शन के लिए अगर गांधी परिवार से कोई नामांकन दाखिल नहीं करता है और थरूर करते हैं, तो पार्टी के अधिकतर नेता उनके खिलाफ उम्मीदवार जरूर देंगे.
सूत्रों ने कहा, ‘अगर इस पद के लिए गांधी परिवार से कोई नामांकन दाखिल नहीं करेगा और थरूर अपना नामांकन दाखिल करते हैं, तो हम उनके खिलाफ उम्मीदवार जरूर देंगे. फिर चाहे वो अशोक गहलोत हों या दिग्विजय सिंह हों. क्योंकि ये दोनों नेता खांटी कांग्रेसी ही नहीं, बल्कि निचले स्तर से कांग्रेस से जुड़े रहे हैं और यहां तक पहुंचे हैं. उन्होंने कभी पार्टी या गांधी परिवार के खिलाफ कोई बयानबाजी या कोई एक्शन नहीं लिया.’ वहीं, इसको लेकर लोकसभा सदस्य थरूर ने सोमवार को सोनिया गांधी से मुलाकात की. कहा जा रहा है कि सोनिया से चर्चा में थरूर ने पूछा कि “मुझे कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ना चाहिए. मेरे आधे समर्थक कह रहे हैं लड़िये. आधे कह रहे हैं नहीं लड़िये. आप क्या कहती हैं?” तो सोनिया ने जवाब दिया कि “कोई भी लड़ सकता है. आपका मन हो तो लड़िए.”
गहलोत ने अभी नहीं किया तय
वहीं, अशोक गहलोत के करीबी सूत्रों ने टीवी9 भारतवर्ष से बातचीत में कहा कि गहलोत ने अभी तक तय नहीं किया है कि वह चुनाव लड़ेंगे या नहीं. वो अभी खुद अध्यक्ष बनने के बारे में सोचने के बजाय इस कोशिश में हैं कि राहुल गांधी ही कमान संभाल लें. क्योंकि कांग्रेस के लिए वही एक ऑप्शन हैं. गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नॉटिफिकेशन 22 सितंबर को जारी की जाएगी और नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 से 30 सितंबर तक चलेगी. नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 8 अक्टूबर है. एक से ज्यादा उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को वोटिंग होगी और नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.
राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की मांग
वहीं, अब खेमे से मांग यह भी उठने लगी है कि राहुल गांधी को ही कांग्रेस का अध्यक्ष बनना चाहिए. इसी कड़ी में सोमवार को भी कई प्रदेश कांग्रेस कमेटियों ने राहुल गांधी के समर्थन में प्रस्ताव पारित किए. राजस्थान, गुजरात और छत्तीसगढ़ के बाद तमिलनाडु, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर और बिहार की कांग्रेस इकाइयों ने प्रस्ताव पारित कर कहा कि राहुल गांधी को एक बार फिर से पार्टी की कमान संभालनी चाहिए. राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की मांग वाले प्रस्ताव पारित करने की शुरुआत राजस्थान और छत्तीसगढ़ ने की. हालांकि राहुल ये संकेत देते रहे हैं कि वह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) का प्रमुख नहीं बनने के अपने रुख में बदलाव नहीं करना चाहते.