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कांग्रेस ने बागियों को राशन दुकान, ठेका और एल्डरमैन का झांसा दिया इधर भाजपा संगठन में पद का लालच देकर डैमेज कंट्रोल में जुटीं

भिलाई : भिलाई. नगरीय निकाय चुनाव के लिए दोनों प्रमुख राजनीति दल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने अपने-अपने अधिकृत उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। अब पार्टिंयां डैमेज कंट्रोल में जुट गई हैं। बगावत करने वालों और उनके समर्थकों का मान-मनौव्वल जारी है। पार्टी के जिम्मेदार ऐसे सभी लोगों को मना रहे हैं। कांग्रेस अपने बागियों को प्रदेश में सरकार होने का फायदा दिलाने का वादा कर रही है। किसी को सरकारी राशन दुकान दिलाने तो किसी को बाद में एल्डरमैन बनाने का लालच दिखाया जा रहा है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के नेता संगठन में विभिन्न दायित्वों में एडजस्ट करने और आगे राजनीतिक भविष्य का भरोसा दिला रहे हैं। जहां बात नहीं बनती दिख रही वहां पार्टी अनुशासन का भय और दल से विलग होकर खुद का राजनीतिक अस्तित्व समाप्त हो जाने की खरी-खरी बात भी नेता कर रहे हैं।

कांग्रेस ने बागियों को राशन दुकान, ठेका और एल्डरमैन का झांसा दिया इधर भाजपा संगठन में पद का लालच देकर डैमेज कंट्रोल में जुटीं
कांग्रेस ने बागियों को राशन दुकान, ठेका और एल्डरमैन का झांसा दिया इधर भाजपा संगठन में पद का लालच देकर डैमेज कंट्रोल में जुटीं

बागियों ने दाखिल किया नामांकन
भिलाई नगर निगम में अधिकृत उम्मीदवारों के अलावा कांग्रेस से 85 और भारतीय जनता पार्टी से 69 लोगों ने नामांकन दाखिल किया है। यह उन लोगों के आंकड़े हैं जिन्होंने नाम निर्देशन पत्र में दर्शित राजनीतिक दल से संबद्धता यदि सम्बन्ध न हो तो निर्दलीय लिखा जाए शर्त के साथ अपना पर्चा जमा किया है। इन अभ्यर्थियों ने अधिमान्य क्रम से चुने गए प्रतीक चिन्ह में कमल और हाथ का ही निशान मांगा है। इनके अलावा भी कुछ बागी ऐसे हैं जिन्होंने निर्दलीय के रूप में अपनी उम्मीदवारी की है।

डमी प्रत्याशी के रूप में पर्चा भरा
इनमें बागियों में आधे तो ऐसे हैं जिन्होंने टिकट मिलने की आस में पार्टी की ओर से नामांकन जमा कर दिया था। अब जब पार्टी के प्रत्याशियों की घोषणा हो चुकी है वे अब स्वत: मैदान छोड़ देंगे। पार्टी संगठन के नेताओं को भी ऐसी ही उम्मीद है। कुछ लोगों ने पार्टी की ओर से डमी प्रत्याशी के रूप में पर्चा भरा है, ऐसा इसलिए कि किसी कारणवश अधिकृत उम्मीदवार का नामांकन निरस्त होने पर पार्टी के सामने दूसरा विकल्प भी मौजूद रहे। ऐसे लोग भी नाम वापस ले लेंगे। दोनों दल के संगठन के नेताओं का कहना है कि इसके बाद बागियों के आंकड़े गिनती के रह जाते हैं। ऐसे लोगों को मनाया जा रहा है।

बागियों से पार्टी का बना-बनाया राजनीतिक समीकरण गड़बड़ाने का डर
टिकट नहीं मिलने से असंतुष्ट होकर नामांकन दाखिल करने वालों की संख्या भारतीय जनता पार्टी में अधिक है। इनमें कई पूर्व पार्षद और संगठन में ओहदा संभालने वाले लोग भी है। लगभग 30 परिचित चेहरे हैं जिन्हें पार्टी मनाने में जुट गई है। वहीं कांगे्रस को 27 वार्डों में बागियों से पार्टी का बना-बनाया राजनीतिक समीकरण गड़बड़ाने का डर है।

भाजपा: वार्ड 14 से 5, वार्ड 18 से 7 बागी मैदान में हैं। वार्ड 63 से 3 और वार्ड 65 से 4 लोगों ने टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर नामांकन जमा किया है।

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