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श्रमवीरों के साथ नववर्ष मनाने रायपुर के चावड़ी पहुंचे CM बघेल, बोले – मजदूर के बच्चे अब मजदूर नहीं रहेंगे

मुख्यमंत्री ने कहा- अब मजदूर के बच्चे मजदूर नहीं रहेंगे, हमारी सरकार आपके साथ हैं

रायपुर। श्रमवीरों के साथ नववर्ष मनाने राजधानी रायपुर के चावड़ी पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल। महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर की नववर्ष की शुरूआत। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मेहनतकश मजदूर भाई-बहनों के साथ की नये वर्ष की शुरूआत। राजगीत अरपा पैरी की धार, के साथ शुरू हुई श्रमवीरो से भेंट मुलाक़ात। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी को नववर्ष की दी बधाई।महापौर एजाज़ ढ़ेबर, विधायक कुलदीप जुनेजा सहित भवन सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अध्यक्ष सुशील सन्नी अग्रवाल मौजूद, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने श्रमवीरों को दी नए वर्ष की सौगात।

चौथी पाँचवी के बच्चों को सैनिक स्कूल, नवोदय में प्रवेश के लिए भी कोचिंग और आधारभूत प्रशिक्षण की घोषणा।  HCM शिक्षा ऐसा माध्यम है जिससे हर किसी के जीवन में प्रकाश आ सकता है।

मुख्यमंत्री ने श्रमवीरों को श्रमिक सियाँन योजना के तहत 10-10 हज़ार रुपए की सहायता वितरित की, निर्माण श्रमिक उत्कृष्ट खेल के लिए श्रमिकों के बच्चों को 50-50 हज़ार रुपए की सहायता राशि प्रदान की, मुख्यमंत्री ने श्रमिकों को नववर्ष पर कम्बल और मिष्ठान का वितरण किया। वीरनारायण सिंह श्रम अन्न योजना के तहत संचालित भोजन केंद्र में मुख्यमंत्री ने श्रमिकों के संग किया नाश्ता।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मेहनतकश मजदूर भाई-बहनों के साथ की नये वर्ष की शुरूआत। श्रमवीरों को मिठाई देकर और कंबल भेंट कर उनके साथ बांटी नए वर्ष की खुशियां। नववर्ष में श्रमवीरों के साथ सुबह की चाय पी, श्रम अन्न योजना केन्द्र में जाकर श्रमिक भाई-बहनों के साथ की चर्चा, व्यवस्थाओं का लिया जायजा।

सीएम ने कहा- अब मजदूरो के बच्चे भी बड़े बड़े जॉब में जाते है .. कोई पोस्ट मैन बना है, कोई पायलेट बना है, कोई सहायक शिक्षक बना है। अब मजदूर का बच्चा मजदूर नहीं रहेगा। लगातार सरकार इनके लिए काम कर रही है। और आज इस अवसर पर मैं कई योजनाओं के लिए घोषणा करता हु …

घोषणा करते हुए सीएम ने कहा श्रमिको के बच्चो के लिए देय राशि 10 से बढ़ाकर 20 हजार कर दिया।पीएसी परीक्षा, व्यापम, कर्मचारी चयन के लिए श्रमिक के बच्चो को नि:शुल्क कोचिंग। मुख्यमंत्री आधार बहुत शिक्षा सहायता योजना शुरू करने की घोषणा जिसके तहत श्रमिक के बच्चो के लिए, श्रमिक परिवार के बच्चो को बाहर पढ़ने जाने वाले बच्चो का शिक्षण शुल्क और खाना का खर्च वहन करेगी राज्य सरकार। इसके साथ ही सीएम ने श्रमिक के बच्चो को कंबल, मिठाई , शाल और चेक किया वितरण।

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