Trending Nowशहर एवं राज्य

सीएम बघेल झेरिया-गड़रिया समाज के वार्षिक अधिवेशन में हुए शामिल

रायपुर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में गड़रिया समाज की एक अलग पहचान है। गड़रिया समाज पहले से ही प्रतिष्ठित और सम्मानित समाज है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गरीब-मजदूर, किसान सहित सभी वर्गों के विकास के लिए नीति बनाकर कार्य कर रही है।

बघेल ने कहा कि जब सभी परिवार और समाज आर्थिक रूप से मजबूत होगा तभी छत्तीसगढ़ और देश आगे बढ़ेगा। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल आज राजधानी रायपुर स्थित स्वर्गीय बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में आयोजित झेरिया गड़रिया (पाल, धनगर) समाज के वार्षिक अधिवेशन को सम्बोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर समाजजनों की मांग पर भेड़ पालन एवं ऊन संवर्धन बोर्ड गठन की घोषणा की। साथ ही महादेव घाट में सामाजिक भवन निर्माण हेतु 50 लाख रूपए देने की घोषणा की। अधिवेशन में गड़रिया समाज के लोगों ने स्व-निर्मित खुमरी, कंबल पहनाकर अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में समाज के उत्कृष्ट और प्रतिभावान व्यक्तियों को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री बघेल ने गड़रिया समाज के वार्षिक अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में आधुनिक उद्योग धंधों के कारण परंपरागत रूप से कार्य करने वाले लोगों पर संकट गहराता जा रहा है, इससे गड़रिया समाज भी अछूता नहीं है। उन्होंने कहा कि झेरिया गड़रिया समाज सहित सभी वर्गों के विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध हैं। जहां-जहां भेड़ पालन किया जा रहा है, ऐसे परिवारों और उनके बच्चों को पारंपरिक और आधुनिक मशीनों के जरिए बुनाई कार्य का प्रशिक्षण और भेड़ एवं बकरी पालन की नई तकनीक की जानकारी दी जाएगी।

झेरिया-गड़रिया समाज के युवाओं को उनके पारंपरिक व्यवसाय और उद्योग के लिए हरसंभव मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्हें रियायती दर पर जमीन और बिजली आदि सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि अन्य समाजों की तरह गड़रिया समाज को भी नवा रायपुर में रियायती दर पर जमीन दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने अधिवेशन में कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) के तहत ग्रामीणों को पारंपरिक व्यवसाय के साथ ही छोटे-छोटे व्यवसाय के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए बजट में 600 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि गोधन न्याय योजना के तहत बड़ी संख्या में महिलाएं और ग्रामीण गोबर खरीद कर वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने के काम कर रही हैं।

इसके साथ ही गौठानों में बकरी पालन, मुर्गी पालन सहित अन्य व्यवसाय से जुड़कर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। अब गौठानों में गोबर से पेंट बनाने का काम भी शुरू हो गया, इसके अलावा बिजली उत्पादन का काम भी किया जा रहा है।

ग्रामीण और शहरी बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता में है। इसी उद्देश्य से आईटीआई में नए और आधुनिक ट्रेड खोले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के बेरोजगार युवकों को इस वित्तीय वर्ष से 2500 रूपए बेरोजगारी भत्ता देने का भी प्रावधान बजट में किया है।

अब युवाओं को बेरोजगारी भत्ता के साथ-साथ उन्हें रूचिकर विषयों में व्यवसाय एवं उद्योग के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। कार्यक्रम को खाद्य और संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर नगर निगम रायपुर के महापौर एजाज ढेबर, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, सर्व गड़रिया समाज के अध्यक्ष  लक्ष्मी प्रसाद महतो, झेरिया-गड़रिया समाज के प्रदेश अध्यक्ष  मिलन धनगर सहित समाज के पदाधिकारी और समाजजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

Advt_19_09
cookies_advt2024_08
advt_001_Aug2024
july_2024_advt0001
Share This: