प्रधानमंत्री को मुख्यमंत्री की चिट्ठी: धान खरीदी के लिए चाहिए बारदाने की 5 लाख गठानें, केंद्र सरकार 86,856 गठान ही दे पाई
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में धान की सरकारी खरीदी 1 दिसंबर से शुरू हो रही है। इससे पहले ही सरकार बारदाना संकट से घिर गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मदद के लिए पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा है, समय से पर्याप्त मात्रा में जूट बारदाना उपलब्ध नहीं कराया गया तो राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित हो सकती है।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे पत्र में खाद्य विभाग के 12 नवंबर को जारी प्लान के अनुसार नए जूट बारदानों की समयानुसार आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है, प्लान के अनुसार छत्तीसगढ़ को 2 लाख 14 हजार गठान नए बारदाने केंद्रीय जूट कमिश्नर, कोलकाता के माध्यम से खरीदने की अनुमति मिली है।
इसके बाद भी छत्तीसगढ़ को अभी तक केवल 86 हजार 856 गठान नए जूट बारदाने मिल पाए हैं। यह प्लान के अनुसार अपेक्षित मात्रा से काफी कम है। राज्य को धान खरीदी के लिए 5 लाख 25 हजार गठान बारदाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा है कि जूट कमिश्नर की ओर से प्लान के अनुसार यदि समय से शतप्रतिशत बारदानों की आपूर्ति नहीं होती तो राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित हो सकती है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में जूट बारदानों की समयबद्ध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जूट कमिश्नर को निर्देशित करने की मांग की है।
पिछले साल 10 हजार गठान रोज लग रही थी
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि पिछले वर्ष की धान खरीदी में प्रतिदिन औसतन 10 हजार गठान बारदानों की आवश्यकता पड़ी थी। पिछली बार सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 92 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा था। इस बार धान खरीदी 105 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है। यानी बारदानों की जरूरत बढ़ेगी।