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महिलाओं के लिए वरदान है मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लिनिक योजना, घर के पास ही हो रहा बेहतर इलाज, प्रदेश के मुखिया का महिलाएं कर रही धन्यवाद

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रायपुर। इस योजना के कारण अब छोटी-मोटी बिमारियों के इलाज के लिए अस्पताल के चक्कर नहीं काटने पड़ते। घर के पास ही अच्छी इलाज और मुफ्त में दवाइयां भी मिल रही है। इस योजना के तहत उन महिलाओं को लाभ मिला, जो इलाज के वक्त चिकित्सकों को अपनी परेशानी बताने में हिचकिचाती थी। इस योजना का लाभ शहरी स्लम क्षेत्रों की महिलाओं को सबसे अधिक हुआ।

छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लिनिक योजना से अब महिलाओं को छोटी-मोटी बिमारियों के इलाज के लिए अस्पताल के चक्कर नहीं काटने पड़ते। घर के पास ही अच्छी इलाज और मुफ्त में दवाइयां भी मिल रही है। इस योजना के तहत उन महिलाओं को लाभ मिला, जो इलाज के वक्त चिकित्सकों को अपनी परेशानी बताने में हिचकिचाती थी। इस योजना के शुरुवात से महिलाओं ने ‘स्वास्थ्य के अधिकार’ के रूप में कल्याणकारी सेवाओं तक पहुँचने में संतोष और राहत महसूस की। इस योजना का लाभ शहरी स्लम क्षेत्रों की महिलाओं को सबसे अधिक हुआ। इनमें रायपुर, बिलासपुर एवं भिलाई नगर निगम क्षेत्र की स्लम बस्तियों में रहने वाली 1 लाख 32 हजार 888 महिलाओं एवं बच्चियों का दाई-क्लीनिक कैंप के माध्यम से इलाज किया गया है।

इस योजना के तहत यदि कोई महिला अपना इलाज कराने के लिए दाई दीदी क्लीनिक आती है तो उनका इलाज मोबाइल वैन में किया जाता है, जिसमें उपचार और टेस्ट सम्बन्धी सारी सुविधाएं उपलब्ध होती है ताकि इलाज में कोई बाधा न हो। साथ ही महिला स्टाफ भी मौजूद होते हैं,ताकि जो महिलाएं समस्याएं बताने में झिझकती हैं वो आसानी से उन महिला स्टाफ को अपनी समस्याएं बता सके। इस योजना के माध्यम से महिलाओं के लिए इलाज कराना अब काफी आसान हो गया है। जिसके बाद वो आसानी से वहां जाकर अपना इलाज करा सकती हैं।

जनता संकट के साथी सीएम भूपेश बघेल


महिलाओं के लिए यह योजना वरदान साबित हो रही है। इस योजना की लाभार्थी सरिता साहू का मानना है कि, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की यह योजना उनके बेहद लाभकारी है और उनके लिए सफलदायक सिद्ध हो रही है। इस योजना के जरिए महिलाऐं अपनी किसी भी परेशानी का निदान और बेहतर इलाज तुरंत पा ले रही है। बिना किसी बाहरी अस्पताल जाये, वे घर के पास ही अपना बेहतर इलाज करा पा रही है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, मुख्यमंत्री उनके लिए भगवान की तरह उनके संकट के सच्चे साथी है।

क्लिनिक टीम के काम ने हमारी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं हासिल करने में मदद की


लाभार्थियों में से एक, बसंत धीवर, 65, ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान, यह योजना रायपुर के कोटा में उनके इलाके के निवासियों के लिए एक वरदान के रूप में उभरी। भिलाई की रजनी बाग ने कहा कि, “स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं ने महिला रोगियों के साथ सहानुभूति व्यक्त की और एमएमयू में उनकी टीम के काम ने हमारे स्थान पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं हासिल करने में मदद की।” दाई-दीदी क्लीनिक की जानकारी देते हुए जय किशन तिवारी प्रभारी एमएमयू (मोबाईल मेडिकल यूनिट) ने बताया, दाई-दीदी क्लीनिक के माध्यम से 30 नवंबर तक कुल 448 ओपीडी की गई है जिसमें 237 लैब टेस्ट किए गए हैं।

इस तरह के क्लिनिक के बारे में सुना तो मुझे यकीन नहीं हुआ


वहीं, 14 वर्षीय अमरौतिन सोनवानी का कहना है कि, “दाई-दीदी क्लीनिक में सबसे अच्छी बात हम युवतियों के लिए यह है कि, इसमें सभी स्टाफ महिलाएं हैं जिनसे अपनी परेशानी बताने में संकोच नहीं होता है और महिलाएं और युवतियां अपना बेहतर इलाज करा पा रही है। वहीं, लाभार्थी महिला संजना ने कहा “जब मैंने इस तरह के क्लिनिक के बारे में आंगनबाड़ी से सुना तो मुझे यकीन नहीं हुआ कि घर के बाहर भी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सकता है, लेकिन सुबह जब दाई-दीदी क्लीनिक की वैन घर के बाहर पहुंची तो मै हैरान रह गई। मेरी वहॉ पर एएनसी जांच हुई, ब्लड और शुगर लेवल भी चेक किया गया, साथ ही नि:शुल्क दवाईयं भी मिली।

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