CG WATER CRISIS : छत्तीसगढ़ में जल संकट गहराया, 5 प्रमुख बांध पूरी तरह सूखे, आठ अन्य में 10% से भी कम जल स्तर

CG WATER CRISIS : Water crisis deepens in Chhattisgarh, 5 major dams completely dry, water level less than 10% in eight others
रायपुर, 19 मई 2025। CG WATER CRISIS छत्तीसगढ़ में इस वर्ष भीषण जल संकट ने गंभीर रूप ले लिया है। गर्मी के मौसम में जलस्रोत सूखने की कगार पर हैं और राज्य के पांच प्रमुख बांध – मुरूमसिल्ली, मोगरा बैराज, पेंड्रावन, मयाना और घुमरिया – पूरी तरह से शून्य जल स्तर पर पहुंच चुके हैं। इसके साथ ही आठ अन्य बांधों में जल स्तर 10% से भी नीचे दर्ज किया गया है। लगातार तीसरे वर्ष जल स्तर में गिरावट ने विशेषज्ञों और सरकार दोनों को चिंता में डाल दिया है।
बांधों में जल स्तर का गिरता ग्राफ –
CG WATER CRISIS राज्य जल संसाधन विभाग द्वारा जारी आंकड़ों से साफ है कि बांधों में जल संचयन की स्थिति भयावह है :
बांध का नाम | 2025 | 2024 | 2023 |
---|---|---|---|
मुरूमसिल्ली | 0.01% | 0.00% | 31.5% |
मोगरा | 0.00% | 20% | 14% |
पेंड्रावन | 0.00% | 5.3% | 16.8% |
मयाना | 0.00% | 2.8% | 20.3% |
घुमरिया | 0.00% | 1.1% | 14.3% |
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि जल संरक्षण की दिशा में ठोस प्रयास नहीं किए गए तो आने वाले समय में छत्तीसगढ़ को अभूतपूर्व जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।
गांव-शहर दोनों में संकट –
CG WATER CRISIS गांवों में खेत सूख रहे हैं, तो शहरों में भी पेयजल आपूर्ति प्रभावित हो रही है। राजधानी रायपुर सहित कई शहरों में जल कटौती का सामना करना पड़ रहा है। टैंकरों से जल आपूर्ति बढ़ा दी गई है, लेकिन वह भी अपर्याप्त साबित हो रही है।
जल संकट के कारण –
मानसून की अनियमितता और सूखा
जल स्रोतों की सफाई और संरक्षण में लापरवाही
वर्षा जल संचयन का अभाव
पानी के अपव्यय और अनुशासनहीन उपयोग
विशेषज्ञों की राय और समाधान –
CG WATER CRISIS जल विशेषज्ञों का मानना है कि छत्तीसगढ़ को इस संकट से उबारने के लिए वर्षा जल संग्रहण, जलाशयों का पुनर्निर्माण, तालाबों की खुदाई और जल साक्षरता अभियान पर तत्काल ध्यान देना होगा।
सरकार के सामने चुनौती –
CG WATER CRISIS राज्य सरकार और जल संसाधन विभाग के सामने अब बड़ी चुनौती है – जल प्रबंधन की दीर्घकालिक नीति बनाना और उसे जमीनी स्तर पर लागू करना। यदि अभी निर्णायक कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले वर्षों में पीने का पानी भी दुर्लभ हो सकता है।