CG LIQUOR SCAM : EOW के पूरक चालान से खुलासा, कैबिनेट से मिली थी लाइसेंस प्रणाली को मंजूरी, नेताओं में बयानबाज़ी तेज

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CG LIQUOR SCAM : EOW’s supplementary invoice reveals that the license system was approved by the cabinet, rhetoric among leaders intensifies

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) की ओर से पेश किए गए पूरक चालान में फरवरी 2020 की भूपेश कैबिनेट बैठक का जिक्र है। इसी बैठक में नई लाइसेंस प्रणाली (FL-10A/10B) को मंजूरी दी गई थी। 11 फरवरी 2020 को इसका आदेश भी जारी कर दिया गया था।

चालान के मुताबिक 1 अप्रैल 2020 से नई आबकारी नीति लागू कर दी गई। इसके तहत विदेशी शराब के सप्लाई और भंडारण के लिए तीन निजी कंपनियों — ओम साई बेवरेज प्रा.लि., नेक्सजेन पावर इंजिटेक प्रा.लि. और दिशिता वेंचर्स प्रा.लि. को लाइसेंस दिए गए। EOW का दावा है कि इस नीति से सरकार को 248 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ और लाइसेंसधारकों ने सिंडिकेट बनाकर घोटाला किया।

नेताओं की बयानबाज़ी

रमन सिंह (विधानसभा अध्यक्ष, भाजपा) : “कांग्रेस सरकार ने सरकारी खजाने में डाका डाला है। हिंदुस्तान की राजनीति में इससे बड़ा अपराध कभी नहीं हुआ।”

दीपक बैज (पीसीसी अध्यक्ष, कांग्रेस) : “यह कांग्रेस को बदनाम करने का षड्यंत्र है। भाजपा सरकार में 3% कमीशन की जांच कौन करेगा? जांच एजेंसी सिर्फ कांग्रेस के लिए है क्या?”

पुरंदर मिश्रा (भाजपा विधायक) : “शराब घोटाले में कांग्रेस की पूरी कैबिनेट शामिल थी। कांग्रेस की नीति हमेशा भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की रही है।”

घोटाले का पैटर्न

EOW की जांच के अनुसार तत्कालीन अधिकारी अनिल टुटेजा, ए.पी. त्रिपाठी, निरंजन दास, अनवर ढेबर, विकास अग्रवाल और अरविंद सिंह ने मिलकर सिंडिकेट बनाया।

शासकीय शराब दुकानों में सप्लाई पर कमीशन,

डिस्टलरी से अतिरिक्त शराब निर्माण कर अवैध बिक्री,

विदेशी शराब की सप्लाई में वसूली – इन सबकी व्यवस्था इसी सिंडिकेट ने की थी।

किसे कितना मिला?

विजय कुमार भाटिया (ओम साई बेवरेज) को 14 करोड़ मिले।

संजय मिश्रा, मनीष मिश्रा और अभिषेक सिंह (नेक्सजेन पावर इंजिटेक) को 11 करोड़ रुपए मिले।

EOW ने 29 आबकारी अफसरों को आरोपी बनाते हुए 3100 पन्नों का चालान विशेष अदालत में पेश किया है।

झारखंड कनेक्शन

घोटाले में शामिल आरोपी अतुल सिंह और मुकेश मनचंदा वर्तमान में झारखंड की जेल में बंद हैं। दोनों को ट्रांजिट रिमांड पर रायपुर लाया जा रहा है। झारखंड में भी इसी तरह का शराब घोटाला सामने आया था।

ED की जांच

ED पहले ही इस मामले में 3200 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले का आरोप लगा चुकी है। इसमें कई राजनेता, आबकारी विभाग के अधिकारी और कारोबारी आरोपी बनाए गए हैं।

 

 

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