Chhattisgarh News : नेहरू जी की कहानी के माध्यम से प्रयास के बच्चों को मुख्यमंत्री ने सिखाया लोकतंत्र का पाठ

Chhattisgarh News : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel)ने आज दुर्ग में करोड़ रुपये की लागत से बने प्रयास आवासीय विद्यालय (Residential school)के लोकार्पण किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री (Chief Minister)ने बच्चों को शिक्षक (teacher)के रूप में लोकतंत्र का पाठ पढ़ाया। मुख्यमंत्री ने लोकतंत्र की कक्षा में पंडित नेहरू (Pandit Nehru)का दृष्टांत बताते हुए बच्चों को बताया कि किस तरह से लोकतांत्रिक भारत (democratic india)और गुलाम भारत (slave india)में शासन व्यवस्था का फर्क था। उन्होंने बताया कि आजादी मिलने के बाद एक बार एक वृद्धा ने पंडित जवाहरलाल नेहरू(Pandit jawaharlal nehru) का कॉलर पकड़ लिया और पूछा कि जवाहर बताओ, मुझे आजादी से क्या मिला ?
पंडित नेहरू ने उस महिला को उत्तर दिया कि आपको यह अधिकार मिला कि आप अपने प्रधानमंत्री से भी प्रश्न पूछ सकती हैं। मुख्यमंत्री ने बच्चों को बताया कि गुलाम भारत में नीतियां जनता के अनुकूल नहीं बनती थी अपितु औपनिवेशिक व्यवस्था के हितों के मुताबिक बनती थी उन्होंने बताया कि भारत में सर्वश्रेष्ठ प्रकृति का मलमल तैयार होता था। यह मलमल इतना महीन होता था कि अंगूठी में भी समा जाता था और इसी महीन मलमल के देश को पूरी तरह से मैनचेस्टर की मीलों पर अंग्रेजों ने निर्भर कर दिया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बच्चों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में भी बताया।
पलक ने पूछा विधानसभा कैसे काम करती है?
छात्रा पलक साहू ने मुख्यमंत्री से पूछा कि वह जानना चाहती है कि विधानसभा किस तरह से काम करती है। यहां सदस्य किस तरह से बैठते हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने विस्तार से उन्हें विधानसभा के कार्यों के बारे में बताया। इस पर मुख्यमंत्री ने प्रश्नकाल, शून्यकाल एवं विधानसभा से संबंधित अन्य गतिविधियों की जानकारी दी।आप कितने घंटे काम करते हैं सर?
मेघा चौहान ने मुख्यमंत्री से पूछा कि आप कितने घंटे काम करते हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं अपने दिन की शुरुआत योग, मेडिटेशन और पूजा से करता हूं इसके पश्चात मैं दिनभर के एजेंडा पर काम करता हूं और जब तक मेरा काम समाप्त नहीं होता तब तक मैं काम करता रहता हूं। इस पर एक अन्य बच्चे ने प्रश्न पूछा कि इतना काम करने के लिए आप ऊर्जा कहां से लाते हैं। इसके उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए हमें शारीरिक और मानसिक संतुलन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। शारीरिक संतुलन के लिए अच्छा आहार जरूरी है जिसमें पोषक तत्व हो। मानसिक संतुलन के लिए ध्यान आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बच्चों को शारीरिक संतुलन के लिए योग करना चाहिए अथवा खूब खेलकूद करना चाहिए ताकि वह हमेशा ऊर्जावान बने रहें।