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रायपुर। छत्तीसगढ़ हिंदी साहित्य मंडल के तत्वावधान में सिविल लाइन स्थित वृंदावन हाल में साहित्यकार राजेंद्र पांडेय की तीन पुस्तकों अतिथि देवो भव, मोर गांव के बिहान व महतारी के हाथ (छत्तीसगढ़ी) का विमोचन किया गया। साहित्यिक पत्रिका ककसाड़ के संपादक डा. राजाराम त्रिपाठी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे और अध्यक्षता आचार्य अमरनाथ त्यागी ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में लतिका भावे एवं अंबर शुक्ला अंबरीश मौजूद रहे।
राजेंद्र पांडे ने अपनी पुस्तकों में से चुनिंदा कविताओं का वाचन किया। अतिथि देवो भव पुस्तक से पढ़ा कि – कैसी हवा लगी है आज मेरे देश को, हम भूल गए खानपान और परिवेश को। पुस्तक मोर गांव के बिहान से पढ़ा कि बर-पीपर मोर बबा-ददा ए, लीम जुड़वासिन दाई, जेखर छांव मा उम्मर बाढय़, कर न संकव मय बड़ाई। महतारी के हाथ पुस्तक से पढ़ा कि – बने रहय मोर छितिका कुरिया, मोर बर मथुरा काशी रे, अमरीत अस महतारी के हाथ के चटनी बासी रे।