छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी पहल, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न कर रही “नई औद्योगिक नीति”, करोड़ों जनता हो रही लाभान्वित
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य के 19वें स्थापना दिवस के अवसर पर 1 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में हुई थी। इस योजना के तहत फूड, एथेनॉल, इलेक्ट्रॉनिक्स, डिफेंस, दवा, सोलर जैसे नए उद्योगों को प्राथमिकता दी गई हैं। रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कृषि, लघु वनोपज, वनौषधियों, उद्यानिकी फसलों पर आधारित उद्योगोें को प्राथमिकता दी जा रही हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने “गढ़बो नवा छत्तीसगढ़” के तहत औद्योगिक निति में प्रोत्साहन को बढ़ावा देने और राज्य में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करने के लिए, राज्य के सभी विकासखंडों को चार वर्गों में विभाजित कर, प्राथमिक क्षेत्र (कृषि, वानिकी, पशुपालन, मत्स्यपालन) के लिए नए प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही सेवा क्षेत्र के योगदान को बढ़ाने के लिए भी पहल हो रही है। इसके लिए पर्यटन के अलावा अन्य कार्यों पर भी फोकस किया जा रहा है। इसकी शुरुवात छत्तीसगढ़ राज्य के 19वें स्थापना दिवस के अवसर पर 1 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में हुई थी। इस योजना के तहत फूड, एथेनॉल, इलेक्ट्रॉनिक्स, डिफेंस, दवा, सोलर जैसे नए उद्योगों को प्राथमिकता दी गई हैं। रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कृषि, लघु वनोपज, वनौषधियों, उद्यानिकी फसलों पर आधारित उद्योगोें को प्राथमिकता दी जा रही हैं।
दरअसल औधोगिक निति 2019-24 में गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को पूरा करने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया। जिसके तहत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में रोजगार के क्षेत्र में नई योजना बनाई गई। जिसके लिए उद्योग और व्यापार जगत के लोगों से विस्तृत विचार विर्मश के बाद यह योजना तैयार की गई। राज्य सरकार की नई औद्योगिक नीति में किए गए इन प्रावधानों से छत्तीसगढ़ औद्योगिक नवाचार की संभावनाओं से भरपूर राज्य के रूप में तेजी से उभरा है।
क्या है छत्तीसगढ़ सरकार की औद्योगिक निति ?
छत्तीसगढ़ की “नई औद्योगिक नीति के माध्यम से राज्य औद्योगीकरण को बढ़ावा देने और उद्योगों के ब्लॉक स्तर के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।” इस नीति को लेकर वाणिज्य और उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने जानकारी देते हुए कहा कि, इस निति में पांच साल की अवधि के लिए पॉलिसी लागू की गई है। “नई औद्योगिक नीति 2019-24 सतत आर्थिक विकास और समावेशी विकास पर केंद्रित है। क्षेत्रीय संतुलित विकास सुनिश्चित करते हुए राज्य के पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए नीति प्रतिबद्ध है। राज्य खाद्य प्रसंस्करण, हर्बल और लघु वनोपज आधारित उद्योग में बड़े अवसर प्रदान करता है। साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और किसानों के आय स्तर को बढ़ाने के लिए नई पहल ‘नरवा घुरवा गरुवा बाड़ी’ (एनजीजीबी) योजना शुरू की गई है। नई नीति एनजीजीबी योजनाओं के उद्देश्यों के अनुरूप है और उच्च प्राथमिकता और प्राथमिकता-आधारित उद्योगों में निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करती है।
जानिए क्या है इस निति के उद्देश्य
इस “नीति का उद्देश्य राज्य में सक्षम कारोबारी माहौल प्रदान करना है। यह नीति राज्य के युवाओं के लिए निवेश के अवसर और नौकरी के अवसर पैदा करेगी। वहीं, छत्तीसगढ़ सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग के प्रधान सचिव मनोज कुमार पिंगुआ ने कहा कि, एकल खिड़की प्रणाली में सुधार किया गया है और निवेशकों को आसानी से अनुमोदन प्रदान करने के लिए इसमें और सुधार करने की इच्छा है। इस “नीति के उद्देश्यों में से एक गैर-प्रदूषणकारी और हरित प्रौद्योगिकी के विकास पर ध्यान केंद्रित करना है। यह नीति सिंगल विंडो सिस्टम को मजबूत करने और री-इंजीनियरिंग की प्रक्रिया पर केंद्रित है, जो बड़े पैमाने पर निवेशकों का विश्वास पैदा करेगी। वहीं, छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक नीति के अंतर्गत स्टार्टअप इकाईयों को प्रोत्साहित करने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य स्टार्टअप पैकेज लागू किया गया है।
राज्य में 200 फूड पार्क की स्थापना का लक्ष्य
इस निती के तहत मान्यता प्राप्त 688 स्टार्टअप इकाईयों में से 508 इकाईयों को बीते चार वर्षो में पंजीकृत कर विशेष प्रोत्साहन पैकेज का लाभ दिया जा रहा है। एम.एस.एम.ई सेवा श्रेणी उद्यमों में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिग स्टेशन, सेवा केन्द्र, बी.पी.ओ. 3-डी प्रिंटिंग, बीज ग्रेडिंग इत्यादि 16 सेवाओं को सामान्य श्रेणी के उद्योगों की भांति औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान किया गया है। मेडिकल उपकरण तथा अन्य सामग्री निर्माण के लिए उद्योगों की भांति औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन देने का प्रावधान भी किया गया है। साथ ही राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में 10 नवीन फूड पार्क की स्थापना की स्वीकृति मिली। सुकमा में 5.9 हेक्टेयर भूमि पर फूड पार्क की स्थापना के लिए आवश्यक अधोसंरचना निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। साथ ही राज्य में 200 फूड पार्क की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। इसमें प्रदेश के 146 विकासखण्डों में से 112 विकासखण्डों में फूड पार्क के लिए जमीन चिन्हांकित कर ली गई है। इसमें से 52 विकासखण्डों में 620 हेक्टेयर भूमि का अधिपत्य उद्योग विभाग को दिया गया है।
उद्योगों की स्थापना हेतु नियमों का हुआ सरलीकरण
वहीं, छत्तीसगढ़ सरकार की नई औद्योगिक नीति में उद्योगों की स्थापना के नियमों का सरलीकरण किया गया है। उद्यमियों को अनेक रियायतें दी जा रही है। स्वीकृति की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाया गया है, इससे प्रदेश में उद्योग के लिए अनुकूल माहौल बना है और पूंजी निवेश को बढ़ावा मिल रहा है। सरकार द्वारा नई औद्योगिक नीति में ऐसे अनेक प्रावधान किये गए हैं, जिनसे नवीन उद्योगों की स्थापना के लिए उद्यमियों को प्रोत्साहन मिल रहा है और नए उद्योग स्थापित हो रहे हैं। वहीं, नये उद्योगों की स्थापना के लिए संबंधित शासकीय विभागों की प्रक्रियों के सरलीकरण के लिए इज ऑफ डूइंग योजना के तहत अत्याधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर विभिन्न प्रकार की स्वीकृति, लाईसेंस एवं पंजीकरण की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। सभी प्रक्रियों को निर्धारित समय सीमा में पूरा करने की व्यवस्था की गई है। नई औद्योगिक नीति लागू करने से पहले कई उद्दोग संघो, उद्योगपतियों के साथ पूरा विचार-विमर्श कर व्यवहारिक प्रावधान किए गए हैं।
अब तक करोड़ों जनता को मिला रोजगार
इस निति से छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा औद्योगिक विकास को गति देने के लिए गए निर्णय के परिणाम स्वरूप राज्य में पिछले 4 वर्षो में 2218 नए उद्योग स्थापित हुए, जिसमें 21 हजार 457 करोड़ रूपए से अधिक का निवेश हुआ तथा 40 हजार 324 लोगों को रोजगार मिला है। प्रदेश में नए उद्योगों की स्थापना के लिए 167 एमओयू किये गए हैं। जिसमें 78 हजार करोड़ रूपए का पूंजी निवेश प्रस्तावित हैं। इससे 90 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। इन्हे मिलाकर वर्तमान स्थिति में उद्योगों की स्थापना के लिए 177 एम.ओ.यू. प्रभावशील हैं, जिसमें 89 हजार 597 करोड़ रूपए का पूंजी निवेश और 1 लाख 9 हजार 910 लोगों को रोजगार दिया जाना प्रस्तावित है। 90 से अधिक इकाईयों द्वारा उद्योग स्थापना की प्रक्रिया में 4 हजार 126 करोड़ से अधिक का पूंजी निवेश पर 11 इकाईयों ने व्यवसायिक उत्पादन शुरू कर दिया है।