छत्तीसगढ़ – पटवारी से सांठगांठ कर चार एकड़ जमीन की धोखाधड़ी की शिकायत…भाई ने ही भाई से किया दगा

रायगढ़। जमीनों की धोखाधड़ी में जिले का कोई सानी नहीं है खरसिया तहसील में एक दिलचस्प मामला सामने आया है जिसमें भूमि स्वामी की मृत्यु के बाद उसके निःसंतान होने का फायदा उठा कर दूसरे व्यक्ति ने रिकॉर्ड में नाम बदलवा दिया अब इस भूमि का अधिग्रहण हो रहा है तो मुआवजा दूसरे को मिल रहा है इसकी शिकायत की गई है।
बता दें कि पूरा मामला खरसिया तहसील के बरगढ़ गांव का है। बोतल्दा निवासी महेत्तर और बुटूराम पिता करालाल ने शिकायत की है कि उनके पिता के बड़े भाई चमरा पिता बोनो के नाम से बरगढ़ में खसरा नंबर 192/2 च और 192/2 ड दोनों में कुल दो दो एकड़ कुल 4 एकड़ भूमि का पट्टा दिया गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 1974 – 75 से 1991 तक कैमरा का नाम रिकॉर्ड में दर्ज है आवेदकों के अनुसार भूमि स्वामी नि:संतान है लेकिन 1992 में लाल स्याही से मानमती, ज्ञानमती झंगली पुत्री समारु का नाम दर्ज कर दिया गया। ना तो इस संबंध में कोई आदेश का हवाला दिया गया है और ना ही सुधार करने वाले पटवारी के हस्ताक्षर हैं। आवेदकों का कहना है कि हल्का पटवारी से सांठगांठ कर राजस्व अभिलेख में कूट रचना की गई है। नायब तहसीलदार खरसिया ने 2017 में एक प्रतिवेदन एसडीएम को दिया गया था जिस पर कार्यवाही नहीं की गई। उक्त भूमि नेशनल हाईवे में अधिकृत की जा रही है जिसका त्रुटिपूर्ण बनाया गया है।
आवेदकों ने भू अर्जन प्रकरण के विरुद्ध याचिका लगाइए साथिया डीएम के आदेश के विरुद्ध कमिश्नर के समक्ष भी अपील लंबित हैं ऐसी स्थिति में भी त्रुटि पूर्ण मोहरा वितरण का प्रयास किया जा रहा है दोनों आवेदकों ने मामले के नायब तहसीलदार के प्रतिवेदन के अनुसार जांच और कार्यवाही करने की मांग की है।