CG VIDHANSABHA UPDATE : विधानसभा में उठा उद्योग बंद होने का मुद्दा, नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना

CG VIDHANSBHA UPDATE: Issue of closure of industry raised in Assembly, Leader of Opposition targeted the government
रायपुर। छत्तीसगढ़ में लगातार बंद हो रहे उद्योगों का मुद्दा विधानसभा में जोर-शोर से उठा। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन से सवाल किया कि एक ओर राज्य में नई उद्योग नीति लाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर लगातार उद्योग बंद हो रहे हैं। उन्होंने इंडक्शन फर्नेस और रोलिंग मिलों के कर्मचारियों के भविष्य को लेकर भी सरकार से जवाब मांगा।
पांच उद्योग बंद, वित्तीय कारणों का दिया हवाला
नेता प्रतिपक्ष ने पूछा कि जनवरी 2024 से जनवरी 2025 तक कितने उत्पादन केंद्र बंद हुए? इस पर उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने बताया कि इस दौरान प्रदेश में पांच उद्योग बंद हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं के तहत अनुदान दिया गया था, लेकिन वित्तीय संकट के कारण ये उद्योग बंद हुए। मंत्री ने यह भी बताया कि 2023 में कांग्रेस शासन के दौरान 18 उद्योग बंद हुए थे, जबकि बीते पांच सालों में कुल 27 उद्योगों पर ताले लग चुके हैं।
शक्कर कारखानों पर भी सवाल, मजदूरों को नहीं मिला मुआवजा
डॉ. महंत ने सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर शुरू हुए पंडरिया शक्कर कारखाने के बंद होने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि 28 फरवरी को इसे गन्ना किसानों का भुगतान न होने के कारण बंद कर दिया गया। इसी तरह भोरमदेव और बालोद के शक्कर कारखाने भी बंद हो चुके हैं। उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या इन उद्योगों के बंद होने पर प्रभावित मजदूरों को मुआवजा दिया गया?
सरकार का जवाब – श्रम अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई
इस पर उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने स्वीकार किया कि अब तक मजदूरों को मुआवजा नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि श्रम अधिनियम के अनुसार भुगतान की प्रक्रिया पूरी की जाएगी और जो भी नियमों के अनुसार होगा, वह किया जाएगा।
विधानसभा में उठे इस मुद्दे के बाद यह साफ हो गया कि प्रदेश में औद्योगिक नीति और मजदूरों के भविष्य को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। अब देखना होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।