Trending Nowराजनीतिशहर एवं राज्य

CG POLITICS : छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा महिला विधायक, यहां राजनीति में महिलाओं का दबदबा, पढ़ें पूरी खबर

CG POLITICS: Most women MLAs in Chhattisgarh, women dominate politics here, read full news

रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजनीति में महिलाओं का असर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां मौजूदा समय में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी की कमान महिला के हाथों में है. वर्तमान में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा हैं. जिन्हें छत्तीसगढ़ कांग्रेस की कमान सौंपी गई है. आगामी विधानसभा चुनाव 2023 इनके नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा, ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं. देश में प्रतिशत के आधार पर बात की जाए तो राजनीति में सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ की महिलाएं सक्रिय हैं. यहां कई जगहों पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है. कई प्रमुख पदों पर महिला आसीन हैं.

भाजपा ने भी छत्तीसगढ़ की कमान महिला नेत्री को सौंप रखी थी. प्रदेश प्रभारी के तौर पर डी पुरंदेश्वरी ने यहां पर काम किया. प्रभारी बनाए जाने के बाद से डी पुरंदेश्वरी लगातार प्रदेश में सक्रिय रहीं. बैठक लेती रही और आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति तैयार करती रहीं. हालांकि वर्तमान में पुरंदेश्वरी को हटाकर ओम माथुर को बीजेपी ने प्रदेश प्रभारी बनाया है. इसके अलावा भी कई ऐसी जगह है जहां महिलाओं को विशेष तवज्जो दी गई है.यही कारण है कि छत्तीसगढ़ की राजनीति में महिलाओं का विशेष दबदबा है. इतना ही नहीं सदन से लेकर सड़क तक महिलाओं की अहम भूमिका है.यही वजह है कि उनकी भागीदारी भी सभी जगहों पर देखने को मिलती है इसे आंकड़ों के जरिए समझा जा सकता है.

छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा महिला विधायक :

देश के अन्य राज्यों की विधानसभा सीटों की समीक्षा की जाए तो सबसे ज्यादा महिला विधायक का प्रतिशत छत्तीसगढ़ में है. छत्तीसगढ़ में कुल 90 विधानसभा सीट है और इन 90 विधानसभा सीटों में से 16 पर महिला विधायक काबिज हैं. यदि इसका अनुपात निकाला जाए तो प्रदेश में 17.7% महिला विधायक सदन में हैं, जबकि दूसरे राज्यों में महिला विधायक का अनुपात काफी कम है.

किस राज्य में कितनी महिला विधायक :

मिली जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश में कुल 230 विधान सभा सीट हैं जिनमें से 21 सीटों पर महिला विधायक हैं. यहां महिला विधायक 9.13% है. वहीं उत्तर प्रदेश 403 सीट में से 47 सीट पर महिला विधायक हैं, यहां 11.66% महिला विधायक है. हिमाचल प्रदेश कुल विधानसभा सीट 48 हैं और इसमें महज 1 महिला विधायक है. यहां का महिला विधायक का प्रतिशत 1.47 है. यदि गुजरात की बात की जाए तो यहां कुल 182 विधानसभा सीट है . जिसमें से 15 पर महिला विधायक है, यहां का प्रतिशत 8.24 है.

हरियाणा में भी छत्तीसगढ़ की ही तरह 90 विधानसभा सीट है लेकिन यहां से छत्तीसगढ़ की महिला विधायक से आधी संख्या है, महज 8 सीटों पर महिला विधायक हैं. यहां महिला विधायकों का प्रतिशत 8.88 है. महाराष्ट्र की बात की जाए तो यहां पर 288 विधानसभा सीट में से 23 सीटों पर महिला विधायक हैं यहां विधायक का प्रतिशत 7.98 है. राजस्थान में 200 विधानसभा सीटों में से 27 पर महिला विधायक काबिज हैं. यहां महिला विधायक का प्रतिशत 13.5 है. ओड़िसा में 147 विधानसभा सीटों में से 15 पर महिला विधायक हैं. यहां महिला विधायक प्रतिशत 10.20 है.

छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से अब तक सदन में महिलाओं की संख्या :

प्रथम विधानसभा में 90 में से 6 सीटों पर महिला विधायक काबिज थीं. वहीं द्वितीय विधानसभा में भी 6 महिला विधायक जीत कर आईं. तृतीय विधानसभा में यह आंकड़ा डबल हो गया. इस दौरान 90 में से कुल 12 सीटों पर महिला विधायकों ने जीत हासिल की. वहीं चतुर्थ विधानसभा की बात की जाए तो इस दौरान 90 में से 10 सीटों पर महिला विधायक काबिज रहीं. वर्तमान में पंचम विधानसभा में 90 में से 16 सीटों पर महिला विधायक काबिज हैं.जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है.

सदन में कौन-कौन महिला विधायक :

विधानसभा चुनाव 2018 में छत्तीसगढ़ की 90 सीट में से 13 सीटों पर महिलाओं ने जीत हासिल की थी. इनमें विधानसभा में अंबिका सिंहदेव(बैकुंठपुर), उत्तरी गणपत जांगड़े(सारंगढ़), रेणु जोगी(कोटा), डा. रश्मि सिंह(तखतपुर), इंदू बंजारे(पामगढ़), शकुंतला साहू(कसडोल), अनिता शर्मा (धरसींवा), डॉ लक्ष्मी ध्रुव(सिहावा), रंजना साहू(धमतरी), संगीता सिन्हा(संजारी बालोद), अनिला भेड़िया(डौंडीलोहारा), ममता चंद्राकर(पंडरिया) और छन्नी साहू(खुज्जी) चुनकर पहुंची थीं.अभी तीन उपचुनाव के बाद दंतेवाड़ा में देवती कर्मा, खैरागढ़ में यशोदा वर्मा और भानुप्रतापपुर उपचुनाव में सावित्री मंडावी समेत महिला विधायकों संख्या 16 हो चुकी है.

राजनीतिक विरासत संभाल रही महिला विधायक :

छत्तीसगढ़ में महिला विधायकों ने अपनी राजनीतिक विरासत को भी संभालने का काम किया है.

देवती कर्मा : छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे आदिवासी नेता महेंद्र कर्मा की पत्नी होने के नाते वह उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहीं हैं. झीरम घाटी में हुए नक्सली हमले में महेंद्र कर्मा शहीद हुए थे.

अनिता शर्मा: झीरम घाटी में नक्सली हमले से शहीद हुए कांग्रेस नेता स्वर्गीय योगेंद्र शर्मा की पत्नी हैं.

अंबिका सिंहदेव : अपने दिवंगत चाचा और प्रथम वित्तमंत्री रामचंद्र सिंहदेव की विरासत को आगे बढ़ा रही हैं.

संगीता सिन्हा : अपने विधायक रहे पति भैयाराम सिन्हा की राजनीति को आगे बढ़ा रही हैं.

सावित्री मंडावी : भानुप्रतापपुर की नवनिर्वाचित विधायक सावित्री मंडावी पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष दिवंगत मनोज मंडावी की पत्नी हैं. सावित्री पेशे से शिक्षक थीं. अब विधायक हैं.

एक मंत्री और दो को संसदीय सचिव का जिम्मा : अनिला भेड़िया :

लौंडीलोहारा की विधायक अनिला भेड़िया प्रदेश महिला एवं बाल विकास मंत्री के रूप में कार्यभार संभाल रही हैं. बैकुंठपुर से राजपरिवार से आने वाली अंबिका सिंहदेव बतौर संसदीय सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं ग्रामोद्योग में मंत्री के कामों में हाथ बंटा रही हैं.

शकुंतला साहू :

अपने सरपंच पिता की विरासत को आगे बढ़ा रहीं. कसडोल विधायक शकुंतला साहू बतौर संसदीय सचिव के रूप में संसदीय कार्य,कृषि विकास एवं किसान कल्याण और जैव प्रौद्योगिकी, पशुपालन विकास , मछली पालन, जल संसाधन एवं आयाकट, पंचायत एवं ग्रामीण विकास संभाल रही हैं.

डॉ रश्मि सिंह :

तखतपुर की विधायक और संसदीय सचिव डा. रश्मि सिंह महिला एवं बाल विकास, समाज कल्याण में अपना सहयोग दे रही हैं.

 

 

 

 

feb__04
feb__03
feb__01
feb__02
jan23_01
jan23_02
dec 2
Dec
jan_advt02
jan_advt03
Share This:
%d bloggers like this: