CG News: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में संचालित CBSE कोर्स वाले स्कूलों में फर्जी एडमिशन लेकर मान्यता लेने का मामला सामने आया है। दरअसल, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के अंतर्गत संचालित स्कूलों में दिखाने के लिए बच्चों को दाखिला दिया गया है। गुरुवार को CBSE की टीम ने सरकंडा के मॉर्डन एजुकेशनल एकेडमी और रतनपुर के इंटेलिजेंट पब्लिक स्कूल की जांच की। हालांकि, अफसरों ने इसे डमी एडमिशन का मामला बताया है। कहा जा रहा है कि इस तरह के एडमिशन पर CBSE खास ध्यान दे रहा है। जिसकी जांच चल रही है।
CG News: कहा जा रहा है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने अपने अधीन संचालित स्कूलों में डमी छात्रों के नामांकन और एडमिशन को लेकर सख्ती दिखाई है। जिसकी जांच के लिए बोर्ड ने अलग-अलग टीम बनाई है। टीम में शामिल अधिकारी मामले में जानकारी देने से बचते रहे। हालांकि, उन्होंने इतना जरूर कहा कि डमी एडमिशन की शिकायतों पर जांच चल रही है। इस दौरान टीम ने स्कूल में दाखिला प्रक्रिया, छात्रों के रिकॉर्ड, और शिक्षण प्रक्रिया की पड़ताल की।
इस संबंध में जानकारी लेने के लिए मॉर्डन स्कूल प्रबंधन और प्राचार्य से भी चर्चा करने की कोशिश की गई। लेकिन, प्रबंधन ने बात करने से मना कर दिया। बताया जा रहा है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से मान्यता लेने के लिए स्कूलों में इस तरह की गड़बड़ियां की जा रही है। जिसमें बोर्ड को छात्र संख्या दिखाने के लिए बच्चों का दाखिला दिखाया जाता है। जिले के कई स्कूलों में इस तरह से खेल चल रहा है, जिसकी जांच चल रही है। बता दें कि पूर्व में इस तरह की शिकायत होने पर स्कूलों की जांच देश भर में की गई थी। जांच के बाद जिन स्कूलों में खामियां मिली, उनकी मान्यता रद्द करने की कार्रवाई की गई थी।
सीबीएसई के स्कूलों में डमी एडमिशन के तहत उन बच्चों को दाखिला दिया जाता है, जो जेईई और नीट परीक्षा की तैयारी करते हैं। इसके तहत एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को नियमित तौर पर स्कूल नहीं आना होता है। उन्हें केवल बोर्ड परीक्षा में शामिल होना होता है। उनके लिए उपस्थिति की अनिवार्यता भी नहीं है। इसके लिए स्कूल उन बच्चों से अतिरिक्त शुल्क भी लेते हैं। जांच टीम के अधिकारियों ने बताया कि सीबीएसई द्वारा डमी एडमिशन से जुड़े मामलों पर खास ध्यान दिया जा रहा है और फर्जी दाखिलों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया गया है। यह निरीक्षण इसी अभियान का हिस्सा है। अधिकारियों ने बताया कि अगर किसी प्रकार की अनियमितता पाई जाती है, तो स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है। यह भी कहा जा रहा है कि बिलासपुर के अन्य स्कूलों पर भी इस तरह की जांच जल्द होगी। बता दें कि इस तरह की शिकायतें लगातार मिल रहीं हैं कि स्कूलों में छात्रों का नॉन-अटेंडिंग एडमिशन लिया है। अधिकांश स्कूलों ने छात्रों की वास्तविक उपस्थिति के रिकॉर्ड से अधिक छात्रों को नामांकित करके बोर्ड की संबद्धता उप-नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है।