CG NAAN SCAM: Big blow to former Advocate General Satish Chandra Verma in Naan scam
रायपुर। छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित नान घोटाले के आरोपी और प्रदेश के पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा को हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल की सिंगल बेंच ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। हाई कोर्ट ने 10 दिसंबर को अंतिम सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे अब जारी किया गया है।
पहले विशेष कोर्ट भी कर चुकी है जमानत याचिका खारिज
इससे पहले छत्तीसगढ़ आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW)-ACB की विशेष कोर्ट ने भी सतीश चंद्र वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। विशेष कोर्ट ने इसे गंभीर मामला मानते हुए राहत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद पूर्व महाधिवक्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन यहां भी उन्हें निराशा हाथ लगी।
नान घोटाले में सतीश चंद्र वर्मा पर लगे गंभीर आरोप
EOW ने नान घोटाले में पूर्व IAS डॉ. आलोक शुक्ला, अनिल टुटेजा, सतीश चंद्र वर्मा समेत अन्य पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 की धाराओं 7, 7क, 8, और 13(2) के तहत अपराध दर्ज किया है। इसके अलावा, IPC की धाराओं 182, 211, 193, 195-ए, 166-ए, और 120बी के तहत भी केस दर्ज किया गया है।
EOW की FIR में क्या है आरोप?
EOW की FIR के अनुसार, पूर्व IAS आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा ने तत्कालीन महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा से पद का दुरुपयोग कर लाभ लिया। आरोप है कि इन अफसरों ने वर्मा को लोक कर्तव्यों को गलत तरीके से निभाने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद तीनों ने मिलकर EOW के अधिकारियों से विभागीय दस्तावेजों में हेरफेर करवाई ताकि नागरिक आपूर्ति निगम (नान) घोटाले में अपने पक्ष में जवाब तैयार किया जा सके और अग्रिम जमानत प्राप्त की जा सके।
क्या है नान घोटाला?
छत्तीसगढ़ में नागरिक आपूर्ति निगम (नान) घोटाला 2015 में सामने आया था, जिसमें हजारों करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप है। इस मामले में कई वरिष्ठ अधिकारियों और नेताओं के नाम सामने आ चुके हैं। EOW-ACB की जांच के बाद मामला और गंभीर हो गया, जिसके चलते पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा को भी आरोपी बनाया गया।