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CG ELECTION 2023 : भाजपा प्रत्याशियों की लिस्ट चाय कम पानी की तरह, पाटन में चाचा vs भतीजे की जंग ..

CG ELECTION 2023: List of BJP candidates like tea less water, uncle vs nephew war in Patan..

रायपुर। भाजपा ने जैसे ही छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहले लिस्ट जारी की, वैसे ही एक खेमे में तो खुशी की लहर है तो दूसरे खेमे में निराशा छा गई। इस टिकट वितरण को जानकर निराशावादी बता रहें हैं। वही भूपेश के अंदाज को भी कॉपी करने की भरपूर कोशिश हुई हैं।

चाचा भतीजे का चुनावी समीकरण –

इस बार छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 कई मायनों में बेहद खास होगा। क्योंकि बीजेपी ने इस बार के चुनाव को काफी रोचक बना दी है। पाटन विधानसभा सीट पर भूपेश बघेल के खिलाफ उनके भतीजे विजय बघेल को उम्मीदवार बनाकर चुनावी रण में उतारा है। अब इस सीट पर विधानसभा चुनाव के मैदान में चाचा-भतीजा के बीच टक्कर होगी। माना जा रहा है कि बीजेपी ने काफी सोच समझकर ये दांव खेला है।

पाटन सीएम भूपेश बघेल की विधानसभा सीट है, वो यहां से विधायक हैं। ऐसे में बीजेपी ने उनके ही गृह जिले दुर्ग से सांसद भतीजे को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है। ऐसे में ये वीआईपी सीट बेहद खास हो गई है। क्योंकि अब सबकी नजर यहां पर चाचा भतीजे के चुनावी लड़ाई पर रहेगी। जहां सीएम भूपेश बघेल आक्रामक राजनीति के लिए जाने जाते हैं। वहीं उनके भतीजे सांसद विजय बघेल भी अपनी सधी हुई राजीनति के लिए फेमस हैं। वो अपने चाचा पर उसी अंदाज में वार करते हैं, जिस तेवर के साथ सीएम निशाना साधते हैं।

विजय बघेल का सियासी सफर –

विजय बघेल अपने चाचा सीएम भूपेश बघेल को एक बार विधानसभा चुनाव में पटखनी दे चुके हैं। उन्होंने वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में भूपेश बघेल को हराया था। इसके बाद साल 2013 के विधानसभा चुनाव में भूपेश बघेल ने विजय बघेल को हराकर हिसाब-किताब बराबर कर लिया था। सबसे बड़ी अहम बात ये है कि बीजेपी ने इस बार विजय बघेल को बीजेपी घोषणा पत्र समिति का चैयरमैन भी बनाया है। इस बार उनके ही नेतृत्व में घोषणा पत्र तैयार किया जाएगा।

कमजोर सीटों को महत्व –

वही, दूसरी ओर 6 पूर्व विधायक 05 महिला और सामान्य वर्ग को सिर्फ एक टिकट से संतुष्ट करने की कोशिश की गई। वही पार्टी ने उन सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है, जिन्हें पार्टी अपने लिए कमजोर मानती हैं। पार्टी का यह नया प्रयोग कितना किफायती साबित होता हैं, यह तो समय ही बताएगा।

भाजपा द्वारा यह निर्णय इसलिए भी लिया गया हैं क्योंकि वह कमजोर सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों को संपर्क और प्रचार करने का ज्यादा मौका दे सकें। इस लिस्ट में ज़्यादातार सामाजिक समीकरण को महत्व दिया गया हैं। दरअसल, छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री का छत्तीसगढ़िया अंदाज देश में प्रसिद्ध हैं और भाजपा सामाजिक चेहरों को मौका देकर कुछ-कुछ सीएम के रंग में रंगना चाहती हैं।

दिल्ली में मंथन फिर ऐलान –

बता दें कि भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में पार्टी मुख्यालय में 16 अगस्त (बुधवार) को भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई थी, जिसमें कमजोर सीटों पर विस्तार से चर्चा करने के बाद इन नामों को फाइनल किया गया और आज ऐलान किया गया।

कई टिकट को लेकर नाराजगी –

भाजपा ने जैसे 21 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया तो, वही दूसरा खेमा अपनी बारी का इंतजार कर रहा था, वह नाराज हो गया। संतोष उपाध्याय और संदीप शर्मा के भी टिकट काट दिए गए। भाजपा वैसे भी अपने अंतरकलह के लिए जाना जाता हैं। लंबे समय से संगठन के लिए काम करने वालों को नजर अंदाज करना भाजपा के लिए महंगा साबित हो सकता हैं।

बैठक में 4 कैटेगिरी में बांटी गईं सीटें –

चुनाव समिति के बैठक में मुख्य सीटों को लेकर काफी गहन चर्चा की गई। सूत्रों की मानें तो राज्यों की सीटों को चार कैटेगिरी में बांटा गया है। इन्हें A,B,C और D कैटेगरी में रखकर चर्चा हुई। टिकट बंटवारे को आसान बनाने के लिए विधानसभा सीटों को 4 हिस्सों में बांट दिया गया है। A कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया है, जिस पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अक्सर जीत हासिल करते हैं। B कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया है, जिनमें हार और जीत पिछले चुनाव में हो रही है। C कैटेगरी में उन विधानसभा क्षेत्रों को रखा गया है जिसमें पार्टी के उम्मीद दो बार हार चुके। वहीं, D कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया है, जहां BJP कभी नहीं जीती और जिन पर उनकी स्थिति काफी खराब रही है।

2018 में छत्तीसगढ़ चुनाव में ऐसा था रिजल्ट –

2018 में हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। राज्य की कुल 90 विधानसभा सीटों में से बीजेपी को सिर्फ 15 सीट पर ही जीत मिली थी। वहीं कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 68 विधानसभा सीटें जीतकर सरकार बनाई। अब बीजेपी के कई मुद्दों को लेकर तैयारी में जुटी है और जिन सीटों पर हार मिली, उसके कारणों का पता लगाकर आगे की रणनीति बना रही है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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