Trending Nowशहर एवं राज्य

CG ELECTION 2023 : भाजपा से अब तक प्रत्याशी तय नही, कांग्रेस से पैराशूट प्रत्याशी की संभावना बढ रही ..

CG ELECTION 2023: Candidate from BJP has not been decided yet, the possibility of parachute candidate from Congress is increasing..

रवीन्द्र मुदिराज

राजनांदगांव । राजनांदगांव लोकसभा का मुख्यालय राजनांदगांव की राजनीति को लेकर प्रदेश मे अकसर राजनीतिक तापमान कम ज्यादा होता रहता है।ऐसे मे राजनीति मे रुचि रखने वालो के बीच यह मान्यता है कि छात्र राजनीति से राजनीतिक दल की राजनीति मे एक से दिग्गज व्यक्तित्व को यहां की जनता ने प्यार व विश्वास जताकर मौका दिया। अब यह अलग बात है कि उन्होंने अब तक जनता के आशीर्वाद से पद व पावर पाकर राजनांदगांव की आम जनता के हित मे स्थायी व बडी सौगात क्या दी है।यह प्रश्न आज भी आम जनता के बीच चौक चौराहो के होटल पानठेले से लेकर अन्य अड्डों पर सुनने को मिलता है।

राजनांदगांव विधानसभा से दस साल तक अपने मुख्यमंत्रीत्वकाल में राजनांदगांव से विधायक तथा वर्तमान मे विपक्ष में विधायक के पद पर पौने पांच वर्ष बीता चुके डा रमन सिंह का नाम भाजपा हाईकमान द्वारा राजनांदगांव विधानसभा से अब तक फायनल नही कर सबको चौका दिया है। पहली 21 भाजपा प्रत्याशियो की सूची मे डा रमन सिंह के भांजे व उनसे राजनीति मे उनसे कम वरिष्ठता रखने वाले लोधी बाहुल्य विधानसभा खैरागढ़ से विक्रन्त सिंह को , खुज्जी विधानसभा से भाजपा की नयी नवेली नेत्री गीता साहू तथा दो बार के विधायक रहे राजपरिवार के संजीव शाह को मोहला मानपुर विधानसभा से फिर एक बार टिकट दी है।इससे परेशान होकर डा रमन सिंह के सलाहकारो ने राजनांदगांव जिला भाजपा संगठन के माध्यम से प्रायोजित बैठक कर पैनल मे डा रमन सिंह का एक ही नाम पर भेजकर दबाव बनाते हुए हाईकमान के बीच यह संदेश देने का विचार किया कि डा रमन सिंह ही राजनांदगांव से विधायक सही है परन्तु इसके बाद भी हाईकमान ने अब तक भी दूसरी सूची भी जारी नही की है और इस बीच भाजपा ने केन्द्रीय नेताओ को कांग्रेस की भूपेश सरकार को हटाने का दावा करने परिवर्तन यात्रा का गणित देकर बस्तर से शुरू करवायी पर इसके बाद भी मीडिया खबरो के अनुसार विभिन्न जिलो में परिवर्तन यात्रा का रिसपान्स वैसा नही मिल पाया जिस तरह से पार्टी उम्मीद कर रही थी। भाजपा जैसी कैडर पार्टी में कांग्रेस की 2013 में परिवर्तन यात्रा के नाम तथा छत्तीसगढ महतारी का फोटो हाईजैक करने के आरोप लगे है। परिवर्तन यात्रा के जगदलपुर से शुरूआत मे ही केन्द्रीय मन्त्री अमित शाह के कार्यक्रम मे नही आने के बाद अब तक जारी यात्रा मे कही भी इसका खास असर नही दिख रहा है। राजनांदगांव लोकसभा में गत दिनो परिवर्तन यात्रा के दौरान गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सांवत के हिन्दी भाषी नही होने से उनका भाषण सुनने कार्यकर्ताओ मे विशेष उत्साह नही देखा गया । बाकी जगह यात्रा मे कमान पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह , प्रदेश भाजपाध्यक्ष अरुण साव ,शिवरतन शर्मा ,बृजमोहन अग्रवाल,केदार कश्यप ही नजर आये।यह सब होने के बाद भी यात्रा व अन्य कारणो का हवाला देकर अब तक भाजपा दूसरी सूची जारी नही कर पायी है जिसमे डा रमन सिंह तथा अन्य दिग्गज टिकट को लेकर परेशान नजर आ रहे है।यह भी चर्चा चल रही है कि डा रमन सिंह की बजाय राजनांदगांव से अन्य प्रत्याशी को उतारा जा सकता है।इसमे जीतने योग्य प्रत्याशियो मे वरिष्ठ भाजपा नेता खूबचंद पारख ,महापौर व सांसद रहे मधूसूदन यादव , पूर्व दबंग महापौर अजीत जैन , प्रदेश भाजपा प्रक्वता नीलू शर्मा के नाम मे से एक पर भी मुहर लग सकती है।

वही पार्टी के बडे नेताओ के अनुसार एक अनोखा प्रयोग राजनांदगांव सांसद सन्तोष पांडे को भी राजनांदगांव विधानसभा से टिकट देना भी संभव है। एक चर्चा अकसर यह भी सुनायी देती है कि डा रमनसिंह अगर राजनांदगांव से विधानसभा चुनाव नही लडते है तो मधुसूदन यादव को लोकसभा प्रत्याशी बनाने का लालीपाप थमाकर अपने सुपुत्र अभिषेक सिंह को राजनांदगांव से टिकट दिलवा सकते है और उसे जीताने के लिये पूर्व मे लोकसभा समान साम दंड भेद की नीति अपनायेगे। पूर्व विधानसभा चुनाव समय मे भाजपा से बगावत कर कांग्रेस मे शामिल हुई पूर्व सांसद तत्कालीन कांग्रेस नेत्री करुणा शुक्ला को कांग्रेस ने भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री तथा विधायक डा रमन सिंह के मुकाबले उतारा था। दिन रात मेहनत करने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी करुणा शुक्ला कई कांग्रेसियो के भीतरधात व भाजपा से सांठगांठ व नोटामाइसिन लेने के चलते जीत नही पायी पर उनकी लगातार मेहनत व कतिपय कांग्रेसियो के भीतरघात के चलते मात्र 16 हजार मतो से डा रमन सिंह विजयी हुए थे।करुणा शुक्ला ने भीतरधात करने वाले कांग्रेसियो की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा संगठन से शिकायत की थी परन्तु कोई कार्यवाही नही होने से ऐसे भीतरघातियो के हौसले आज भी बुलन्द है।इस प्रतिष्ठापूर्ण सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी दमदार उतरे और भीतरघात व अन्य गडबडी न हो ,इस बार कांग्रेस ऐसा प्रयास कर सकती है। भाजपा के युवा नेताओ का भी मानना है कि राजनांदगांव से कोई भी युवा नेता को कतिपय भाजपा नेताओ ने राजनांदगांव सहित जिले की राजनीति में उभरकर बडी भागीदारी के लिये दो दशको से कार्य करने का खुला अवसर नही दिया, जिसके चलते आज भी राजनांदगांव लोकसभा की आठ विधानसभा तथा लोकसभा के लिये आम जनता उस नाम पर एकराय नही बना पायी है।

इन सबके बीच भाजपा के साथ आम जनता के बीच राजनांदगांव से कांग्रेस प्रत्याशी की टिकट को लेकर भी उत्सुकता है कि राजनांदगांव विधानसभा से किसका नाम फायनल होगा।राजनांदगांव से अब तक विधानसभा के सबसे टाप पर हेमा देशमुख ,कुलबीर छाबडा, गोवर्धन देशमुख, मन्ना यादव जीतू मुदलियार ,निखिल दिवेदी का नाम चल रहा है। कांग्रेस का भारी वोटबैक ग्रामीण क्षेत्र में है और ओबीसी वर्ग को साधकर ग्रामीण क्षेत्र की हवा को अपने पक्ष मे करने के लिये कांग्रेस ग्रामीण क्षेत्र के कांग्रेस नेता पर अपना दांव खेल सकती है।हालांकि भाजपा के समान कांग्रेस में भी एक एक टिकट व सीट पर मंथन चिंतन के बाद प्रत्याशी उतार रही है। ऐसे मे राजनांदगांव की गुटबाजी से छत्तीसगढ प्रभारी कुमारी शैलेजा व मुख्यमंत्री सहित कांग्रेस सँगठन भी हैरान व परेशान है और ऐसे मे संगठन पार्टी नेताओ से विचार विमश कर पैराशुट प्रत्याशी के रुप मे भाजपा से बगावत कर हाल मे शामिल हुए नंदकुमार साय अथवा खनिज निगम के अध्यक्ष व मुख्यमंत्री के खास गिरीश देवांगन को उतार सकती है। इसमे नंदकुमार साय को अगर कांग्रेस राजनांदगांव से प्रत्याशी बनाती है तो वह भाजपा के साथ डा रमन सिंह की जीत मे मुश्किल खडी करेगे और उनके बयानो से डा रमन सिंह घिर जायेगे।दूसरा नाम गिरीश देवाँगन का आ रहा है जो कांग्रेस सगठन मे तथा सीएम भूपेश बघेल के खास होने से कांग्रेस के भीतरघात करने वालो से निपट पायेगे । कांग्रेस से राजनांदगांव की प्रबुद्ध जनता भी ऐसे प्रत्याशी की चर्चा कर रही है जो शुरू से अंत तक चुनाव मे राजनीतिक ईमानदारी से चुनाव लड सके और नोटामाइसिन व अन्य प्रलोभन से इतर रहे, यह सब भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व उनकी टीम के बीच मंथन चिँतन के बीच ऐसे ही योद्धा की तलाश चलने की चर्चा है। राजनांदगांव सहित अन्य शेष सीटो पर भाजपा की दूसरी सूची तथा कांग्रेस की पहली सूची की चर्चा चल रही है।अब यह सूची कब जारी होगी ।इसको लेकर चर्चाओ का दौर नही थमा है।

 

 

 

 

Advt_07_002_2024
Advt_07_003_2024
Advt_14june24
july_2024_advt0001
Share This: