
CG CRIME: Doctor husband brutally murdered his wife, fire of suspicion took her life
रायपुर, 16 अप्रैल 2025। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगे मंदिर हसौद स्थित रिम्स मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर पद पर कार्यरत डॉ. अनिल राहुले ने नागपुर में अपनी पत्नी डॉ. अर्चना राहुले की निर्मम हत्या कर दी। यह सनसनीखेज वारदात नागपुर पुलिस की जांच में सामने आई है। पत्नी की हत्या के बाद डॉक्टर रायपुर लौट आया और कॉलेज में पढ़ाने लगा, लेकिन फिर नागपुर जाकर मामले से अनजान बनने की कोशिश में वह खुद ही फंस गया।
शक के चलते रची गई हत्या की साजिश
मूलतः महाराष्ट्र के खैरलांजी निवासी डॉ. अनिल राहुले (55) की शादी वर्ष 2003 में नागपुर की डॉ. अर्चना राहुले (52) से हुई थी, जो मेडिकल कॉलेज के फिजियोथेरेपी विभाग में सहायक प्रोफेसर थीं। दोनों का एक बेटा है जो तेलंगाना में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। पिछले कुछ वर्षों से दोनों के बीच अनबन चल रही थी और अनिल को पत्नी के चरित्र पर शक था।
छोटे भाई की मदद से रची हत्या की साजिश
8 अप्रैल को डॉ. अनिल रायपुर से नागपुर के लिए निकला और रास्ते में अपने छोटे भाई राजू राहुले को भी बुला लिया। 9 अप्रैल को दोनों नागपुर पहुंचे और उसी रात अर्चना से विवाद के बाद, दोनों भाइयों ने मिलकर रॉड से पीट-पीटकर हत्या कर दी। इसके बाद दोनों शव को छोड़कर फरार हो गए।
हत्या के बाद लौट आया रायपुर
वारदात को अंजाम देने के बाद अनिल रायपुर आ गया और फिर से कॉलेज में पढ़ाने लगा। 12 अप्रैल को वह दोबारा नागपुर पहुंचा और वहां घटना से अनजान बनने की कोशिश करते हुए रोने-चीखने का नाटक करने लगा। लेकिन जब पुलिस जांच में जुटी, तो सच्चाई सामने आ गई।
सड़ चुकी थी डॉ. अर्चना की लाश
घटना के करीब तीन दिन बाद जब शव बरामद किया गया, तो लाश सड़ चुकी थी। शुरू में अनिल ने लूट-डकैती की आशंका जताई, लेकिन जब पुलिस ने तकनीकी साक्ष्य और सीसीटीवी फुटेज खंगाले, तो पूरा सच उजागर हो गया।
कैमरों से की पत्नी पर निगरानी, किसी को आने की नहीं थी अनुमति
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि अनिल ने घर में सीसीटीवी कैमरे लगवा रखे थे और किसी भी बाहरी व्यक्ति को घर में आने नहीं देता था, यहां तक कि रिश्तेदारों को भी नहीं। पुलिस का कहना है कि अनिल लगातार अपने बयान बदल रहा था और यही उसके शक की बड़ी वजह बना।
गिरफ्तारी के बाद भेजा गया जेल
13 अप्रैल को अर्चना के अंतिम संस्कार के बाद पुलिस ने पूछताछ की, जिसमें डॉ. अनिल और उसके भाई ने हत्या करना कबूल किया। इसके बाद नागपुर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।